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Saturday, July 27, 2024

जानिए, वास्तु की 16 दिशाएं, उनका महत्व, असर वा समाधान !! महावास्तु शास्त्री मोनिका आहूजा से।

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भोंपूराम खबरी। जैसे ही हम किसी जमीन में चारों ओर बाउंड्री बनाना शुरू करते हैं वैसे ही भूमि का वह टुकड़ा अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर देता है विभिन्न दिशाओं से कई प्रकार की शक्तियां आती हैं और महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती हैं और इस प्रकार से इन शक्तियों को 16 भागों में बांटा जाता है।

वास्तु में किसी भी भूमि को 16 दिशाओं में बांटा जाता है और यह दिशाएं व्यक्ति के पूरे जीवन के हरे क्षेत्र को दिखाती हैं एक दिशा 22 .5 डिग्री की होती है विश्वकर्मा प्रकाश में इन 16 दिशाओं के अपने गुणधर्म होते हैं जो कि व्यक्ति के जीवन में अलग-अलग प्रकार से प्रभाव डालती हैं।

आप कभी ध्यान देना, कि कभी आप किसी दुकान पर शॉपिंग के लिए जाते हैं और जो चीज नहीं खरीदनी होती है वह खरीद के लिए आते हैं ऐसा क्यों होता है? कभी आपने सोचा? ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उस शॉप का जो डिजाइन होता है या फिर वहां का जो स्पेस होता है वह आपको अपनी ओर इस प्रकार आकर्षित करता है कि ना चाहते हुए भी वह सामान खरीद लाते हैं जो आपको आवश्यक भी नहीं होता घर आने पर इस बात का एहसास होता है कि हमें इस चीज की आवश्यकता भी नहीं थी और हम इसे क्यों ले आए? जबकि लेने कुछ और गए थे। ऐसा उस दिशा में रखे गए सामान का प्रभाव आपके मन और मस्तिष्क पर पड़ता है।

और कभी देखना; कि किसी खास बेडरूम में आपको बहुत अच्छी नींद आती है आप तनावमुक्त महसूस करते हैं। लेकिन यदि किसी अन्य कमरे में सोते हैं तो ठीक से सो नहीं पाते हैं या फिर आपके बच्चे अपनी स्टडी रूम में पढ़ने की जगह कहीं और पढ़ना पसंद करते हैं या कभी आपने किसी तिजोरी को अपने घर के किसी खास हिस्से में रखने पर आप के खर्चे बढ़ गए हो ,या घर में लड़ाई झगड़े बढ़ गए हो । यह सब ऐसा उन 16 दिशाओं के प्रभाव के कारण होता है किसी खास क्षेत्र में रखी गई वस्तुएं और उनसे होने वाली गतिविधियां हमारे सबकॉन्शियस माइंड पर बहुत अधिक प्रभाव डालती हैं।

16 दिशाओं में एक ‘पूर्व दक्षिण पूर्व ‘ऐसी दिशा है जहां पति पत्नी के सोने पर आपस में लड़ाई झगड़े होते रहते हैं वह एक दूसरे की बात को समझ ही नहीं पाते हैं उसी तरह ‘पश्चिम’ दिशा में यदि टॉयलेट आ जाए तो व्यक्ति को जीवन में आशा जनक परिणाम प्राप्त नहीं होते।

‘पूर्व उत्तरी पूर्व’ दिशा में रहने वाला व्यक्ति हर समय अच्छे मूड में रहता है और लाइफ को इंजॉय करता है। और ‘ दक्षिण पूर्व ‘ कमरे में सोने वाला व्यक्ति या तो बहुत गुस्से में रहता है जल्दी-जल्दी गुस्सा करता है या फिर हर समय पैसे की बात करता है ऐसा वह सब उन दिशाओं के प्रभाव के कारण करता है अब तो आप समझ ही गए होंगे कि इन दिशाओं के प्रभाव के कारण ही हम अपने जीवन में सभी कर्मों को निर्धारित करते हैं अर्थात वास्तु हमारे कर्मों को प्रभावित करता है व्यक्ति क्या सोचता है?क्या चाहता है? वह किस प्रकार रहता है? यह सब कुछ वास्तु की दिशाओं के प्रभाव के कारण ही होता है। विश्वकर्मा प्रकाश ” में हर दिशा का अपना महत्व दिया गया है किस दिशा में सोने से व्यक्ति को अच्छी नींद आती है,और किस दिशा में अध्ययन कक्ष होने से व्यक्ति को एक ही बार में पढ़ा हुआ याद हो जाता है, किस दिशा में बैठने से कोई व्यक्ति अपने व्यापार में अधिक लाभ प्राप्त कर सकता है किसी एक खास दिशा में घी रखने से व्यक्ति शक्तिशाली बनता है और किसी खास दिशा में बैठने से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।

पुराने जमाने में राजा महाराजा इन वास्तु सिद्धांतों का पालन करते थे और अपने जीवन को अधिक समृद्ध शाली बनाते थे। उनके महलों में हर एक दिशा के अनुसार ही कार्य होता था “शस्त्रागार “के लिए “कोप भवन” के लिए” सभा बुलाने “एवं “निर्णय लेने” के लिए प्रत्येक कार्य के लिए अलग-अलग स्थान- दिशाओं के अनुसार ही निर्धारित किए जाते थे मुख्य द्वार भी प्रत्येक दिशा के अनुसार सही पद में होने पर समृद्धि के द्वार खोल देता था उनकी प्रजा के लिए वास्तु के नियमों का पालन इस प्रकार किया जाता था कि जनता में किसी भी प्रकार का रोष उत्पन्न ना हो और वह राजा की आज्ञा का पालन करें यह सब कार्य वास्तु के प्रभाव के कारण ही होता था।

अब आप समझ गए होंगे कि किस प्रकार वास्तु में दिशाएं हमारे जीवन पर प्रभाव डालती हैं इन नियमों का पालन करके व्यक्ति अपने जीवन को आसान बना सकता है।  वास्तु पूर्ण रूप से वैज्ञानिक तकनीक पर आधारित है इसका किसी भी धर्म अथवा जाति से कोई लेना देना नहीं है जैसे एक दवा किसी भी जाति या किसी भी धर्म के व्यक्ति पर बिना किसी भेदभाव के अच्छा या बुरा असर डालती हैं वह यह नहीं सोचती कि किसको ठीक करना है और किसको नहीं वह बस अपना प्रभाव डालती है उसी प्रकार वास्तु और उसकी दिशायें भी बिना किसी धर्म या भेदभाव के अपना अच्छा या बुरा प्रभाव डालती है।

इसलिए जब भी कोई व्यक्ति अपने घर का निर्माण करें तो वह एक बार वास्तु के सिद्धांतों का अवश्य पालन करें। क्योंकि वास्तु उस प्रकार से काम करता है जिस प्रकार एक उबड़ खाबड़ रोड पर सफर करने वाले व्यक्ति झटके खाता है और वह पूरे सफर में तकलीफ उठाता है उसी प्रकार यदि व्यक्ति अपने जीवन के सफर को आराम से व्यतीत करना चाहता है तो वह वास्तु के सिद्धांतों का पालन अवश्य करें। सफर तो आप कर ही रहे हैं सफर कैसा चाहते हैं यह बात अब आप पर लागू होती है। याद रखिए यह दिशाएं ही आप की दशा बदल सकती हैं।

आशा करती हूं ,कि मैं अपनी बात को समझाने में सफल हुई होंगी फिर भी अगर आपको लगता है कि कोई कमी रह गई है या कुछ ऐसा जो आप ना समझ पाए हो तो आप मुझसे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं मैं आपको जवाब देने का और संतुष्ट करने का पूर्ण प्रयास करूंगी। धन्यवाद

अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आप संपर्क कर सकते हैं।

श्रीमती मोनिका आहूजा
7017993987

Consultation fees Rs 2100 (applicable once)

 

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