भोंपूराम खबरी,रूद्रपुर। राजनैतिक लड़ाई हार चुके पूर्व विधायक राजेश शुक्ला अब व्यक्तिगत आरोपों की राजनीति करने पर उतर आये हैं। यदि राजनैतिक आरोप लगाये जाये तो वह शुक्ला को पुराना इतिहास खोलकर पूरा जवाब देने को तैयार है। अपने आवास पर किच्छा के विधायक तिलक राज बेहड़ ने मीडिया से बातचीत करते हुये कहा कि पूर्व विधायक शुक्ला ने उनपर पुत्र मोह होने का जो आरोप लगाया है वह सही है, क्योकि ऋषि मुनियों से लेकर देश की आजादी के पश्चात से राजनीतिक से जुड़े अधिकांश लोगों को पुत्र मोह रहा है।
उन्होंने कहा कि शुक्ला ने अपने भतीजे को राजनीतिक में स्थापित करने के लिये निरन्तर प्रयास किये आगामी निकाय चुनाव को देखते हुये उन्होंने भतीजे को नगर पंचायत नगला का अध्यक्ष बनाने के लिये राजनैतिक दबाब बनाकर नई नगर पंचायत का गठन करा दिया। बेहड़ ने कहा कि शुक्ला के पूर्व गुरू सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने भी अपने पुत्र अखिलेश यादव को आगे बढ़ाया। इतना ही नही यदि राजनैतिक का इतिहास खोला जाये तो ऐसे सैकड़ों मामले सामने आस सकते है। वह व्यक्तिगत आरोपों में नही जाना चाहते है। बेहड़ ने कहा कि यदि शुक्ला उनपर क्षेत्र में विकास न कराये जाने के आरोप लगाते तो इसका क्रमवार न सिर्फ जवाब दिया जाता बल्कि शुक्ला के विधायक के रूप में 10 वर्ष के कार्यकाल के दौरान जो भ्रष्टाचार एवं घोटाले हुए उसका कच्चा चिठ्ठा भी जनता के सामने रखता।
बेहड़ ने कहा कि किच्छा क्षेत्र में शुक्ला के भतीजे का आंतक मचा हुआ है। शुक्ला के फार्म में भारी मिट्टी पड़ी, वह कहां से आई। उन्होंने कहा कि शुक्ला को अपने स्व0 पिता स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राम सुमेर शुक्ल के नाम से सरकारी भवनों का नामकरण करने का जो चाव चड़ा है वह उचित नही है। मेडिकल कालेज का नाम उन्होंने अपने पिता के नाम कराया, अब किच्छा में राजकीय महाविद्यालय का नाम भी अपने पिता के नाम से कराना चाहते है जबकि इन्होंने महाविद्यालय का नाम बाबा साहेब डा0 भीमराव अम्बेडकर के नाम से करने के लिये पत्राचार किया है। जिसे शुक्ला बर्दाश्त नही कर पा रहे। कहा कि शुक्ला ने उन पर आरोप लगाया कि पुत्र को राजनैतिक में स्थापित करने के लिये भाजपा नेताओं के दरबार में चक्कर काट रहे है जबकि शुक्ला यह भूल गये कि उन्होंने विधायक रहते हुये तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत,नारायण दत्त तिवारी, यशपाल आर्य सहित कई कांग्रेस नेताओं के दरबार में चक्कर लगाये।
बेहड़ ने कहा कि वह भाजपा नेताओं के कार्यालय गये परन्तु निजी कार्यो के लिये नही बल्कि सम्पूर्ण किच्छा विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यो को गति प्रदान करने के लिये गये थे। उन्होंने कहा कि आज भी विधायक निधि के करोड़ों रूपये शासन से जारी नही हुये जिस कारण विकास कार्य प्रभावित है। धनराशि अवमुक्त करने के लिये शासन-प्रशासन से वार्ता करना गलत नही है। श्री बेहड़ ने कहा कि शुक्ला को उनपर व्यक्तिगत आरोपों के लिये सार्वजनिक रूप से माफी मांगनीचाहिये। राजनीतिक लड़ाई में पारिवारिक व व्यक्तिगत आरोपों का कोई स्थान नही होनाचाहिये। श्री बेहड़ ने कहा कि उन पर यह भी आरोप लगा कि किच्छा के सिर्फ बैनी बाजार को बचाने के लिये संघर्ष किया। उन्होंने कहा कि न सिर्फ बैनी बाजार बल्कि किच्छा क्षेत्रवासियों के सभी आवास एवं प्रतिष्ठान को अतिक्रमण अभियान से बचाने के लिये संघर्ष किया गया। इतना ही नही क्षेत्र के किसानों की भूमि को भी बचाने के लिये उनके द्वारा संघर्ष किया गया। श्री बेहड़ ने कहा कि शुक्ला उनपर कोई भी आरोप लगाने से पहले स्वयं में मंथन करे।
बेहड़ ने कहा कि पूर्व विधायक उनके पुत्र गौरव बेहड़ के राजनैतिक में आने से पहले ही घबरा गये है। उन्होंने कहा कि शुक्ला को अब क्षेत्र में अपना राजनैतिक भविष्य में खतरे में पड़ता दिखाई दे रहा है। श्री बेहड़ ने कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल में मुस्लिम क्षेत्रों में भी विकास कार्य कराये गये, जबकि पूर्व विधायक ने हमेशा ऐसे क्षेत्रों की उपेक्षा की गई। राज्य स्थापना से पूर्व भाजपा में रहते हुये भी उन्होंने किसी भी क्षेत्र में विकास कार्यो में कोई कमी नही आने दी और उसके पश्चात कांग्रेस विधायक व काबीना मंत्री रहते हुये भी निरन्तर विकास कार्य किये गये। श्री बेहड़ ने कहा कि शुक्ला ने फ्लैक्सियां लगवाकर क्षेत्र से लोकसभा प्रत्याशी घोषित कर वर्तमान सांसद अजय भट्ट के खिलाफ मोर्चा खोला है तो वही देवरिया उत्तर प्रदेश निवासी अपने भाई कमलेश शुक्ला के खिलाफ भी काम करने से पीछे नही रहे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नाम पर उनके द्वारा ब्लैकमेंलिग की जा रही है।