भोंपूराम खबरी। कॉर्बेट पार्क के झिरना तथा तराई पश्चिमी के फ़ाटों पर्यटन ज़ोन में घायल अवस्था मे देखे गए बाघ को कॉर्बेट प्रशासन ने रेस्क्यू कर उसका उपचार शुरू किया,वहीं उपचार के दौरान गंभीर रूप से घायल हुए बाघ की हुई मौत। बता दें कि कार्बेट के झिरना रेंज तथा तराई पश्चिमी के फॉटो रेंज के अन्तर्गत गश्त एवं सफारी के दौरान पर्यटकों के साथ ही वनकर्मियों को एक घायल बाघ गंभीर अवस्था में मालकुण्ड वॉटर हॉल के पास देखा गया।
जिसके बाद कॉर्बेट प्रशासन द्वारा उच्चाधिकारियों से अनुमति लेकर उक्त घायल हुए बाघ को पकड़ने के लिए रेस्क्यू अभियान प्रारम्भ किया गया,जिस क्रम में झिरना रेंज अन्तर्गत फॉटो बीट, फॉटो पश्चिमी क्रम संख्या 49 में उक्त बाघ को रेस्क्यू कर ढेला स्थित रेस्क्यू सेन्टर में पशुचिकित्सक की निगरानी में रखा गया, जिसकी उम्र लगभग 05 वर्ष आंकी गयी।
पशु चिकित्सक के अनुसार उक्त बाघ के सिर, गर्दन, अगले पिछले पॉव में विभिन्न गम्भीर घाव पाये गये, उपचार के दौरान कई अंगो में विफलता के लक्षण यथा परिवर्तित मानसिक स्थिति, यकृत की शिथिलता,कम बी.पी. इत्यादि पाये गये ,उक्त बाघ सम्भावित रूप से घातक चिकित्सा स्थिति में था। जीवनरक्षक दवाओं के बावजूद भी उक्त बाघ को बचाया नही जा सका,वहीं 27को उक्त बाघ की मृत्यु हो गयी।
वहीं जानकारी देते हुए कॉर्बेट पार्क के उपनिदेशक दिगनाथ नायक ने बताया कि बाघ गंभीर रूप से घायल अवस्था मे था, जो आपसी संघर्ष में घायल हुए प्रतीत हो रहा था, जिसकी 27 को मृत्यु हो गयी,उन्होंने कहाँ कि एन०टी०सी०ए० की मानक संचालन प्रक्रिया अनुसार उक्त बाघ का शव विच्छेदन की कार्यवाही की गयी। उन्होंने कहाँ कि पोस्टमार्टम की रिपोर्ट से ये प्रतीत हुआ कि आपसी संघर्ष की वजह से ही बाघ गंभीर रूप से घायल हुआ था