
भोंपूराम खबरी,रांची। सावधान! साइबर अपराधी रोज नए तरीके और तकनीक से ठगी कर रहे हैं। अब वे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का भी इस्तेमाल करने लगे हैं। हैलो, मैं डीजी बोल रहा हूं… एआई से निकली झारखंड पुलिस के एक आला अधिकारी की इस नकली आवाज से साइबर ठगों ने उनके करीबी से दो लाख रुपये ठग लिए जब उक्त डीजी रैंक के

अधिकारी ने पुलिस के आधिकारिक ग्रुप में इसकी जानकारी दी तो इसका खुलासा हुआ। डीज ने आधिकारिक ग्रुप में लिखा कि उनके एक परिचित को अज्ञात नंबर से फोन किया गया था। फोन करने वाले ने बताया कि उनका (डीजी रैंक के अधिकारी) इलाज • दिल्ली के एम्स में चल रहा है। फोन करने वाले व्यक्ति ने उनकी हू-ब-हू आवाज निकाली, जिससे उनके परिचित चकमे में आ गए। कोई शक न होने पर उनके परिचित ने दो लाख रुपये फोन करने वाले के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिए। बाद में परिचित ने हालचाल के लिए संपर्क किया तो पता चला कि उन्होंने कोई फोन ही नहीं किया था। इस पर उनके परिचित ने पूरा घटनाक्रम बताया और ठगी का शिकार होने की जानकारी दी। फिलहाल इस मामले में एफआईआर दर्ज नहीं कराई गई है।
एपीके फाइल से सावधान एपीके फाइल के जरिए भी ठगी हो रही है। भेजी गई एपीके फाइल को जैसे ही व्यक्ति फोन पर डाउनलोड करता है। उसके फोन के मैसेज, गैलरी, कॉन्टेक्ट आदि का एक्सेस ठगों के पास चला जाता है। इसके बाद, उन्हें खाते से राशि उड़ाने के लिए फोन कॉल कर ओटीपी आदि की जानकारी मांगने की जरूरत नहीं पड़ती। यह एपीके फाइल सरकारी योजनाओं के नाम पर होती है, जिसे पहली बार कोई इसे समझ नहीं पाता है। पीएम किसान न्यू लिस्ट डॉट एपीके पीएम किसान लिस्ट डॉट एपीके जैसी योजनाओं के नाम पर लोग झांसे में आ जाते है।
जालसाज अब एआई का इस्तेमाल कर रहे हैं। नोएडा की डीसीपी साइबर क्राइम प्रीति यादव ने इससे बचने के लिए कुछ तरीके बताए।
■ मशीन के जरिये बनाई गई आवाज में आपको गौर करने पर अंतर पता चल जाएग
■ किसी अनजान नंबर से कॉल आई है और उसमें पहचान वाले व्यक्ति की आवाज सुनाई दे रही है या उसका वीडियो दिख रहा है तो उसकी बातों में आने के बजाय क्रॉस वेरीफाई करें• जिनकी आवाज फोन पर सुनाई दे रही है, उनके असली नंबर पर संपर्क करें,पैसे मांगने के लिए आए किसी कॉल पर तुरंत भरोसा न करें ■ लोगों की आवाज सिस्टम के द्वारा कॉपी की जाती है। ऑडियो फ्रॉड से बचने के लिए ऑडियो को ध्यान से सुनें।


