
भोंपूराम खबरी। पंजाब के मोहाली में एक 39 साल के युवा वैज्ञानिक डॉ. अभिषेक स्वर्णकार की पार्किंग को लेकर हुए झगड़े के बाद मौत हो गई. उन पर कथित तौर पर उनके पड़ोसी ने हमला किया था, जिसके बाद वह जमीन पर गिर गए और दम तोड़ दिया. खबरों के मुताबिक आरोपी और स्वर्णकार के बीच गाड़ी पार्क करने को लेकर 11 मार्च को बहस हुई थी. अभिषेक स्वर्णकार किडनी के मरीज थे और पीजीआई में किडनी ट्रांसप्लांट के लिए अपनी बारी आने का इंतजार कर रहे थे. अभिषेक की मां ने बताया कि उनके बेटे ने आरोपी की पुलिस में शिकायत करने की बात कही थी, जिस पर वह काफी भड़क गया और ‘तू कंप्लेंट करेगा’ चिल्लाते हुए उन पर हमला बोल दिया।

हिमांशु मिश्रा की रिपोर्ट के मुताबिक डॉ. अभिषेक स्वर्णकार IISER (Indian Institutes of Science Education and Research) में वैज्ञानिक थे. उन्होंने अमेरिका, ज्यूरिख और स्विट्जरलैंड में भी काम किया था. अपनी रिसर्च के सिलसिले में वह मोहाली शिफ्ट हुए थे. यहां पीजीआई में वह अपनी किडनी का इलाज भी करा रहे थे. एक टीवी चैनल से बात करते हुए अभिषेक स्वर्णकार की मां मालती देवी ने बताया कि बीती 11 मार्च की शाम को आरोपी मोंटी की उनके बेटे के साथ बहस हो गई थी. इस दौरान मोंटी ने उनके बेटे को धक्का दे दिया, जिसके बाद जमीन पर गिरकर उसकी मौके पर ही मौत हो गई.
मालती देवी ने बताया, “वह (आरोपी) बार-बार हमें परेशान करते थे कि गाड़ी यहां न खड़ी करो, वहां न खड़ी करो. इसकी वजह से मेरा बेटा एक साइड में गाड़ी रखता था. घटना वाले दिन यानी 11 मार्च की शाम को अभिषेक IISER से आया था तो उसने वहां गाड़ी रख दी. इस पर मोंटी उसको बोला कि उधर गाड़ी मत रखो. इसके बाद दोनों में काफी बहस हुई. उस समय हम वहां नहीं थे. यह रात साढ़े 8 या पौने 9 बजे की बात है. हम जब हल्ला सुने तो देखे कि मेरा बेटा ऊपर आ गया और नीचे से वो (मोंटी) बोल रहा था कि तुम्हारी गाड़ी को उड़ा देंगे. हम बोले कि तुम्हारे सामने गाड़ी है, उड़ा दो.”
मालती देवी ने आगे बताया कि इसके बाद अभिषेक के पिता नीचे गए. वो आरोपी से बात कर रहे थे. तभी बेटा भी नीचे गया और आरोपी से कहा, “तुमने जो बोला है कि इधर रखो, तो देखो यहां रखेंगे तो निकालने में कितनी दिक्कत होगी. इसीलिए यहां रखते हैं, ये तो तुम्हारा एरिया भी नहीं है.” मालती देवी ने कहा कि उनका बेटा बस यही दिखाने गया था कि जहां आरोपी कह रहा है कि वहां गाड़ी रखने में कितनी दिक्कत होती है