

भोंपूराम खबरी। अगर आपका कोई GST से जुड़ा मामला लंबित है तो आपके लिए बड़ी खबर है। सरकार ने GST Appellate Tribunal (GSTAT) से जुड़ी नई गाइडलाइंस जारी कर दी हैं। अब अपील फाइल करने से लेकर सुनवाई तक सब कुछ पहले से कहीं ज्यादा आसान और टेक्नोलॉजी-फ्रेंडली हो गया है। सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर बताया है कि अब GST Appellate Tribunal में अपील दाखिल करने के लिए ई-फाइलिंग अनिवार्य होगी। यानी अब आपको फिजिकल पेपर लेकर कोर्ट के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। बस ऑनलाइन पोर्टल के जरिए अपील फाइल की जा सकेगी। इससे न केवल समय बचेगा बल्कि प्रक्रिया भी पारदर्शी और सुविधाजनक हो जाएगी।

सुनवाई भी होगी Hybrid मोड में
नई व्यवस्था के तहत अब सुनवाई केवल फिजिकल नहीं बल्कि Hybrid मोड में भी होगी। इसका मतलब है कि अगर आप चाहें तो वीडियो कॉल या किसी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से भी सुनवाई में भाग ले सकते हैं। अब हर बार Tribunal में जाकर हाजिर होने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह व्यवस्था सभी केसों पर लागू होगी जिससे सभी को सुविधा मिलेगी।
अर्जेंसी मामलों की होगी जल्दी सुनवाई
अगर कोई अर्जेंट केस दोपहर 12 बजे से पहले फाइल कर दिया जाता है और सारे दस्तावेज पूरे होते हैं तो वह मामला अगले वर्किंग डे पर Appellate Tribunal में लिस्ट कर दिया जाएगा। अगर अपील दोपहर 12 बजे के बाद और 3 बजे तक आती है तो भी विशेष अनुमति लेकर उसे अगले दिन लिस्ट किया जा सकता है। यानी अब अर्जेंसी के मामलों में फैसला और भी तेज गति से हो सकेगा।
GSTAT का कामकाज और समय तय
GSTAT की बेंच हर वर्किंग डे पर सुबह 10:30 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक और फिर दोपहर 2:30 बजे से शाम 4:30 बजे तक बैठेगी। हालांकि जरूरत के हिसाब से समय में बदलाव का अधिकार Tribunal के प्रेसिडेंट के पास रहेगा। वहीं, GSTAT का एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिस हर कार्यदिवस पर सुबह 9:30 बजे से शाम 6:00 बजे तक खुला रहेगा।
किसे बनाया गया है GSTAT का पहला प्रेसिडेंट
पिछले साल मई में सरकार ने रिटायर्ड जस्टिस संजय कुमार मिश्रा को GST Appellate Tribunal का पहला प्रेसिडेंट नियुक्त किया था। मिश्रा पहले झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रहे हैं। उनकी नियुक्ति भारत के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली सर्च-कम-सिलेक्शन कमेटी ने की थी।
क्या है GSTAT का ढांचा
GSTAT एक ऊपरी अदालत की तरह काम करेगा जहां GST से जुड़े मामलों में पहली अपील के बाद भी अगर फैसला संतोषजनक न लगे तो दोबारा अपील की जा सकती है। GSTAT का मुख्यालय दिल्ली में स्थित है जिसे प्रिसिंपल बेंच कहा जाता है। इसके अलावा देशभर में 31 स्टेट बेंच भी स्थापित की गई हैं। जुडिशियल और टेक्निकल मेंबर की नियुक्ति का काम भी तेजी से चल रहा है। GSTAT के गठन से GST से जुड़े विवादों का निपटारा तेज, सरल और पारदर्शी ढंग से हो सकेगा। साथ ही हाई कोर्ट्स पर केसों का बोझ भी कम होगा।
नए नियमों में क्या हैं खास बातें
AMRG & Associates के सीनियर पार्टनर रजत मोहन ने बताया कि इस नए सिस्टम में कुल 11 चैप्टर, 70 रूल्स और 4 स्टैच्यूटरी फॉर्म्स बनाए गए हैं।
चार मुख्य फॉर्म्स हैं:
Form GSTAT-01: अपील फाइल करने के लिए
Form GSTAT-02: अपील स्वीकार करने या रिजेक्ट करने के लिए
(बाकी दो फॉर्म्स की डिटेल भी इसी तरह आगे आएगी)
यह पूरा फ्रेमवर्क प्रोसीजरल और एडमिनिस्ट्रेटिव दोनों पहलुओं को कवर करता है जिससे कामकाज अधिक व्यवस्थित और पारदर्शी बनेगा।