
संवाददाता राजेश पसरिचा की रिपोर्ट!!

भोंपूराम खबरी। देवभूमि उत्तराखंड में स्वास्थ्य विभाग को चुनौती देते हुए नकली दूध मावा घी पनीर का मोटा कारोबार किया जा रहा है। जबकि स्वास्थ्य विभाग की टीम कार्यवाही के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर अपनी जिम्मेदारी निभा रही है। आपको बता दें कि उत्तराखंड में पिछले काफी समय उत्तर प्रदेश सहारनपुर व अन्य जिलों से मिलावटी दूध मावा घी पनीर का कारोबार करने वालों की बाढ़ सी आ गई है। वहीं उत्तराखंड पर्यटक स्थल के साथ ही तीर्थ स्थलों के कई नामी होटलों व ढाबों में धड़ल्ले से मिलावटी पनीर की सप्लाई की जाती है। जिससे उत्तराखंड के लोगों के साथ ही तीर्थ नगरी में आने वाले श्रद्धालुओं के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है। लेकिन उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोई कठोर कार्यवाही नहीं की जा रही। जिससे मिलावटखोरी करने वालों के हौसले इतने बुलंद होते जा रहे हैं कि लाखों रुपए के वारे न्यारे करने के लालच में आम जनता के स्वास्थय के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। नकली खाद्य पदार्थों के कारण आम आदमी गम्भीर रोगों का शिकार हो रहा है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग टीमें गहरी नींद सोई हुई हैं।

वहीं सवाल यह उठाए जा रहे हैं कि आखिर स्वास्थ्य विभाग द्वारा नकली दूध घी पनीर के कारोबार करने वालों पर कड़ी कार्यवाही कब की जाएगी। वहीं हरिद्वार, ऋषिकेश व पर्वतीय क्षेत्रों में नकली दूध, घी,पनीर पाए जाने के मामले सामने आते रहते हैं। जिससे उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग को जल्द ही होटलों व ढाबों में खाद्य पदार्थों की बारीकी से जांच करनी चाहिए। व बाहरी राज्यों से किसी भी तरह से मिलावटी खाद्य पदार्थों के कारोबार करने वालों पर कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए। अब देखना यह होगा कि उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग कब तक मिलावट खोरों पर शिकंजा कसेगा।


