

भोंपूराम खबरी। उत्तराखंड में एक बार फिर प्राकृतिक आपदा ने कहर बरपाया है। सोमवार देर रात राज्य के दो प्रमुख पर्यटक क्षेत्र देहरादून के सहस्रधारा और मसूरी में भारी वर्षा और बादल फटने जैसी घटनाओं से बड़ा नुकसान हुआ है।

जहां सहस्रधारा के कर्लीगार्ड और कार्डीगाड़ क्षेत्रें में भूस्खलन और मलबे ने होटल, दुकानें और घरों को अपनी चपेट में ले लिया। देहरादून प्रेमनगर परवल टॉस नदी में दस मजदूर बह गए। घटना में छह लोगों की मौत हो गई। नया गांव चौकी क्षेत्रा में पुलिस पंचायतनामा की कार्रवाई कर रही है। आसन नदी में ट्रैक्टर ट्राली के बहने से 15 लोग लापता हो गए, जिनमें से दो के शव बरामद कर लिये गये। उधर कालसी चकराता मोटर मार्ग पर जज रेट पहाड़ी से पत्थर गिरने से स्कूटी सवार पंजाब के युवक की मौत हो गई। वहीं मसूरी के झड़ीपानी क्षेत्रा में एक मजदूर की मौत और एक के गंभीर घायल होने की सूचना है। देहरादून-पांवटा राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रेमनगर नंदा की चौकी के पास पुल बह जाने से आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई। मसूरी-देहरादून मार्ग भी जगह-जगह भूस्खलन से बंद हो गया है।
सोमवार रात करीब 11ः30 बजे, देहरादून के लोकप्रिय पर्यटन स्थल सहस्रधारा में बादल फटने जैसी स्थिति बनी। कार्डीगाड़ के ग्राम प्रधान राकेश जवाड़ी ने बताया कि अचानक तेज आवाज के साथ भारी मलबा मुख्य बाजार में आ गया। इससे दो से तीन बड़े होटल और करीब 7-8 दुकानें पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं। मलबा कुछ घरों में भी घुस गया, जिससे लोगों को रात में ही घरों से बाहर निकलना पड़ा। स्थानीय ग्रामीणों और प्रशासन की तत्परता से करीब 100 लोगों को सकुशल रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। एसडीआरएफ और फायर विभाग की टीमों को रात में ही मौके के लिए रवाना किया गया, लेकिन भारी मलबे के चलते वे समय पर नहीं पहुंच सकीं। लोक निर्माण विभाग की जेसीबी मशीनें रास्ता खोलने में जुटीं रहीं। राहत कार्य अब भी जारी है। रात को मसूरी के झड़ीपानी क्षेत्रा में भारी बारिश के चलते एक निर्माण स्थल पर बने मजदूरों के कच्चे आवास पर मलबा गिर गया। मलबे में दबकर एक मजदूर की मौत हो गई, जबकि दूसरा मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। देहरादून में देर रात तमसा नदी का जलस्तर अचानक इतना बढ़ गया कि टपकेश्वर मंदिर का शिवलिंग तक जलमग्न हो गया। मंदिर परिसर को खाली करवा लिया गया है। वहीं, आईटी पार्क क्षेत्र में भी मलबा आ गया जिससे सॉन्ग नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच गया। रायपुर थाना प्रभारी गिरीश नेगी के अनुसार, पुलिस और आपदा प्रबंधन बलों ने तुरंत मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया। सोमवार रात करीब 9ः30 बजे, मसूरी-देहरादून मार्ग पर कोल्हूखेत के पास भारी भूस्खलन हुआ, जिससे सड़क पूरी तरह बंद हो गई। जेसीबी मशीनें और वन विभाग की टीम मलबा हटाने में जुटी रही, लेकिन देर रात तक सड़क चालू नहीं हो सकी थी। उधर देहरादून के पौंधा स्थित देवभूमि इंस्टिटयूट परिसर में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई, जिसमें लगभग 200 छात्र-छात्रएं फंसे होने की सूचना एसडीआरएफ को मिली। उक्त सूचना पर एसडीआरएफ वाहिनी मुख्यालय, देहरादून से एक रेस्क्यू टीम तत्काल घटनास्थल के लिए रवाना की गई। टीम द्वारा मौके पर पहुंचकर त्वरित रेस्क्यू अभियान संचालित किया गया। जलभराव के बीच टीम ने अत्यंत सूझबूझ एवं तत्परता से कार्य करते हुए सभी 200 छात्र-छात्राओं को सुरक्षित बाहर निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। । घटना की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर घटना पर दुख जताया और बताया कि वे स्थानीय प्रशासन के साथ लगातार संपर्क में हैं। उन्होंने लिखा कि देहरादून के सहस्रधारा में देर रात हुई अतिवृष्टि से कुछ दुकानों को नुकसान पहुंचने की दुखद सूचना प्राप्त हुई है। जिला प्रशासन, एसडीआरएफ, पुलिस मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं। मैं स्वयं स्थिति की निगरानी कर रहा हूं और ईश्वर से सभी के सकुशल होने की प्रार्थना करता हूं।