
भोंपूराम खबरी,नैनीताल। उत्तराखंड हाई कोर्ट ने नैनीताल डुग्ध संघ के अध्यक्ष मुकेश सिंह बोरा को बलात्कार और धमकी के गंभीर आरोपों के मामले में सशर्त जमानत दे दी है। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं और जांच में सहयोग करने, बिना अनुमति देश न छोड़ने और पासपोर्ट जमा करने जैसी शर्तों के साथ जमानत को मंजूरी दी।

मामले की पृष्ठभूमि
यह मामला वर्ष 2021 का है, जब शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि उसके पति की मृत्यु के बाद वह नौकरी की तलाश में थी। इस दौरान उसने नैनीताल डुग्ध संघ के अध्यक्ष मुकेश सिंह बोरा से संपर्क किया था। शिकायतकर्ता का आरोप है कि आरोपी ने उसे नौकरी देने के बहाने एक होटल में बुलाया और वहां उसके साथ दुष्कर्म किया।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि घटना के बाद आरोपी ने उसे धमकी दी कि अगर उसने इस बारे में किसी को बताया, तो वह उसकी अश्लील तस्वीरें और वीडियो वायरल कर देगा। शिकायतकर्ता ने इस घटना की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज कराई थी। मामले की जांच के दौरान पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य जुटाए और मामला कोर्ट में पहुंचा।
मुकेश सिंह बोरा के वकील ने कोर्ट में कहा कि उनके मुवक्किल को झूठे आरोपों में फंसाया गया है। उन्होंने दलील दी कि एफआईआर में देरी हुई है और आरोपों को साबित करने के लिए कोई ठोस साक्ष्य नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि शिकायतकर्ता ने बार-बार अपने बयान में बदलाव किए हैं, जिससे उसकी गवाही अविश्वसनीय हो जाती है।
सरकारी वकील ने आरोपी की जमानत याचिका का विरोध किया। उन्होंने कहा कि जांच के दौरान शिकायतकर्ता और उसकी बेटी के बयान दर्ज किए गए हैं, जिनमें आरोपी के खिलाफ गंभीर आरोपों की पुष्टि होती है। वकील ने कहा कि आरोपी के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला बनता है, इसलिए उसे जमानत नहीं दी जानी चाहिए।
हाई कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आरोपी मुकेश सिंह बोरा को सशर्त जमानत देने का फैसला किया। जस्टिस आलोक महरा की अदालत ने कहा कि आरोपी को जांच में सहयोग करना होगा और बिना अनुमति देश छोड़ने की इजाजत नहीं होगी। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि अगर आरोपी के पास पासपोर्ट है, तो उसे ट्रायल कोर्ट में जमा किया जाए। अगर पासपोर्ट नहीं है, तो इस संबंध में हलफनामा दाखिल किया जाए।
कोर्ट द्वारा दी गई शर्तें
आरोपी को जांच एजेंसी के साथ पूरा सहयोग करना होगा।
आरोपी बिना कोर्ट की अनुमति के देश नहीं छोड़ सकेगा।
आरोपी को अपना पासपोर्ट ट्रायल कोर्ट में जमा करना होगा।
आरोपी किसी भी प्रकार से गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेगा।
अगर आरोपी इन शर्तों का उल्लंघन करता है, तो जमानत रद्द की जा सकती है।
अदालत की कड़ी चेतावनी
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि आरोपी द्वारा किसी भी शर्त का उल्लंघन किया गया या गवाहों को प्रभावित करने का प्रयास किया गया, तो उसकी जमानत तुरंत रद्द कर दी जाएगी। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए जांच अधिकारियों को तेजी से जांच पूरी करने के भी निर्देश दिए।