

भोंपूराम खबरी। नेपाल से बिना वीजा भारत आ रही एक चीन की महिला को एसएसबी ने उत्तराखंड के चंपावत जनपद के बनबसा से पकड़ लिया. एसएसबी जवानों ने महिला को पकड़कर इमिग्रेशन चेकपोस्ट के सुपुर्द कर दिया. इमिग्रेशन के अधिकारियों ने महिला से कई कड़ी पूछताछ की, पूछताछ एवं जांच के बाद से महिला को वापस नेपाल भेज दिया गया.

उत्तराखंड के बनबसा स्थित भारत नेपाल बॉर्डर पर सुरक्षा के साथ साथ मानव तस्करी और ड्रग्स तस्करी को रोकने के लिए भारतीय सशस्त्र बल की 57वीं वाहिनी के कमांडेंट मनोहर लाल के निर्देश पर अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए गस्त की जा रही थी. इस दौरान एसएसबी डी कंपनी की एसआई आरती बुनकर और एएसआई गोपी कृष्ण के नेतृत्व में गस्त कर रही टीम ने नेपाल से भारत की तरफ आ रहे एक दल को जांच लिए रोका. इस जांच के दौरान टीम को चीन की महिला यांग किनहान को रोककर वीजा मांगा तो उसके पास वीजा नहीं मिला.
प्राथमिक जांच के बाद एसएसबी के जवानों ने चीन की महिला यांग किनहान को इमिग्रेशन चेकपोस्ट को सुपुर्द कर दिया. इमिग्रेशन चेकपोस्ट अधिकारी विक्रम सिंह ने महिला के बयान के आधार पर जांच कर महिला को नेपाल सशस्त्र पुलिस बल को सौंप दिया. इमिग्रेशन चेकपोस्ट अधिकारी विक्रम सिंह ने बताया कि एसएसबी की टीम ने गस्त के दौरान चीन की रहने वाली महिला यांग किनहान को पकड़ा था.
उन्होंने कहा कि इस महिला के पास पासपोर्ट तो था लेकिन भारत का वीजा नहीं था. महिला ने पूछताछ में बताया था कि वो अपना वीजा इमिग्रेशन चेकपोस्ट बनबसा से बनवाना चाहती थी लेकिन उसे जानकारी नहीं थी कि बनबसा में वीजा बनवाने का कार्य नहीं किया जाता हैं. महिला अनजाने में भारत आ गई थी, उस वापस भेज दिया गया है.
गले में रुद्राक्ष की माला और सिर पर केसरिया गमछा
भारतीय सशस्त्र बल की 57वीं वाहिनी ने गस्त के दौरान चीन की रहने वाली यांग किनहान को बनबसा क्षेत्र से भारत नेपाल बॉर्डर से हिरासत में लिया था. नेपाल से भारत आते समय यांग किनहान ने सफेद साड़ी, टी शर्ट, गले में रुद्राक्ष की माला और सिर पर केसरिया गमछा बांध रखा था.