

भोंपूराम खबरी। ऊधम सिंह नगर की शांत फिजाओं को भेदकर हुए करोड़ों के साइबर फ्रॉड ने पूरे शहर को चौंका दिया था, लेकिन अब अपराधियों के बुरे दिन शुरू हो गए हैं! ऊधम सिंह नगर के जांबाज एसएसपी श्री मणिकांत मिश्रा के सख्त रुख और तेज-तर्रार रणनीति ने भोले-भाले लोगों के खातों से पैसा उड़ाने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश कर दिया है। पुलिस ने इस सनसनीखेज मामले में दो शातिर ठगों को धर दबोचा है, जबकि उनके दो साथी अभी भी कानून की गिरफ्त से दूर हैं।

*विश्वास का जाल: ऑनलाइन गेमिंग के बहाने करोड़ों की लूट!*
➡️ मामले की शुरुआत बेहद सामान्य सी शिकायत से हुई थी, लेकिन इसने एक बड़े जालसाजी के मकड़जाल का खुलासा किया। 29 मई 2025 को रुद्रपुर की शांति कॉलोनी निवासी हरबंस लाल ने शिकायत दर्ज कराई कि 19 मई को उनके बैंक खाते से लगभग ₹50,000 धोखे से निकाल लिए गए। यह सिर्फ एक छोटी रकम नहीं थी, बल्कि एक बड़े अपराध की पहली कड़ी थी। पंतनगर थाने में तत्काल FIR NO-254/2025 धारा 318(4) और 3(5) BNS के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने इस धोखाधड़ी को गंभीरता से लेते हुए तत्काल पुलिस टीमों का गठन किया और एक हाई-टेक जांच का आदेश दिया। साइबर सेल और सर्विलांस की अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए, पुलिस ने संदिग्धों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया।
*दबोचे गए सरगना: शौक और लालच ने बनाया अपराधी!*
➡️ 30 मई 2025 की सुबह, मुखबिरों से मिली सटीक सूचना के आधार पर, रुद्रपुर कोतवाली क्षेत्र में पुलिस ने जाल बिछाया। ऑपरेशन सफल रहा! पुलिस ने दो मुख्य अभियुक्तों – मनोज सैनी (39 वर्षीय, निवासी काशीपुर) और अजय सैनी (22 वर्षीय, निवासी काशीपुर) को गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ के दौरान, दोनों ने अपनी कहानी खोली। उन्होंने स्वीकार किया कि वे अपने दो फरार साथियों पुष्पेन्द्र और सतपाल (दोनों मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश के निवासी) के साथ मिलकर यह खेल खेलते थे। उनका तरीका था लोगों को “ऑनलाइन गेमिंग” के ज़रिए रातों-रात अमीर बनने का सपना दिखाना। इसी लालच का फायदा उठाकर, वे लोगों को अपने विश्वास के जाल में फंसाते और उनके बैंक खातों से पैसे उड़ा लेते थे। उन्होंने बताया कि ये अपराध वे अपने महंगे शौक पूरे करने और “कम समय में ज़्यादा पैसा” कमाने के जुनून में करते थे।
*15 राज्यों में फैला था ‘साइबर जाल’: एक खाता, करोड़ों की ठगी!*
➡️ इस जांच में एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ। पुलिस को पता चला कि यह गिरोह सिर्फ उत्तराखंड तक ही सीमित नहीं था। इन शातिर अपराधियों ने उत्तर प्रदेश, असम, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, पंजाब, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना सहित देश के 15 अन्य राज्यों में भी ऐसी ही धोखाधड़ी को अंजाम दिया था। एक संदिग्ध खाता संख्या 0242102000009386, जो करोड़ों की ठगी का गवाह है, इस गिरोह के विशाल नेटवर्क को दर्शाता है।
अब, पुलिस के सामने चुनौती है कि वे फरार चल रहे पुष्पेन्द्र और सतपाल को भी जल्द से जल्द सलाखों के पीछे लाएं। एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने स्पष्ट कर दिया है कि ऊधम सिंह नगर में अपराधियों के लिए कोई जगह नहीं है।
*पुलिस टीम*
इस जटिल और बड़े ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम देने वाली पुलिस टीम में शामिल थे:
➡️ श्री मनोज रतुड़ी, प्रभारी निरीक्षक, कोतवाली रुद्रपुर, ऊधम सिंह नगर
➡️ श्री अमर चंद शर्मा, प्रभारी निरीक्षक, काशीपुर, ऊधम सिंह नगर
➡️ उ.नि. प्रदीप कोहली, चौकी प्रभारी, रमपुरा, रुद्रपुर
➡️ उ.नि. मोहन चंद्र जोशी, कोतवाली रुद्रपुर
➡️ उ.नि. प्रियांशु जोशी, चौकी रमपुरा
➡️ उ.नि. संतोष देवरानी, कोतवाली काशीपुर
➡️ उ.नि. विपुल जोशी, कोतवाली काशीपुर
➡️ म.उ.नि. रीता चौहान, साइबर सेल
➡️ का. 1180 महेंद्र कुमार, चौकी रमपुरा
➡️ म.का. ज्योति चौधरी, साइबर सेल।