Sunday, April 27, 2025

पर्याप्त भूमि उपलब्ध नहीं होने से बंद हुआ नखासा बाजार

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भोंपूराम खबरी,काशीपुर। चैती मेले का ऐतिहासिक नखासा बाजार इस बार पर्याप्त भूमि के अभाव में नहीं लग पाया। कभी सुल्ताना डाकू और फूलन देवी तक को घोड़े बेचने वाले कारोबारियों में इससे निराशा छा गई और वे लौटने लगे।

मां बाल सुंदरी देवी के ऐतिहासिक चैती मेला का नखासा बाजार देश के विभिन्न राज्यों अपनी खास पहचान रखता था । लगभग 170 साल पुराना नखासा बाजार में 10-12 नस्ल के घोड़े बिकने आते हैं। बीते कई वर्षों से घोड़ा खरीदारों की संख्या में कमी आने से इसके अस्तित्व पर संकट के बादल मंडराने लगे।

रविवार सुबह राजस्थान के अलावा यूपी के कई शहरों से विभिन्न नस्लों के करीब 100 घोड़े बाजार में पहुंचे। इसकी सूचना लगते ही पंडा परिवार ने घोड़ा व्यापारियों से संपर्क साधा। उन्होंने बताया कि इस बार चैती मेला में नखासा बाजार की कोई व्यवस्था नहीं है। बाजार लगाने के लिए उनके पास पर्याप्त भूमि नहीं है। जिस भूमि पर बाजार लगता था उस भूमि का पंडा परिवार में बंटवारा हो गया है। यह सुनकर व्यापारियों में निराशा छा गई और वह बैरंग लौटने लगे।

चैती मेला में लगभग 170 साल से नखासा बाजार लग रहा था। अब पंडा परिवार में भूमि का बंटवारा हो गया है, जिसके चलते इस वर्ष से चैती मेला में नखासा बाजार नहीं लगाया जाएगा। जो घोड़ा व्यापारी आए थे, उनको वापस जाने के लिए कह दिया गया है। कृष्ण गोपाल अग्निहोत्री, प्रमुख पंडा पंडा

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