

भोंपूराम खबरी। उत्तराखण्ड राईस मिलर्स एशोसियसन के पदाधिकारियों द्वारा राईस मिलर्स की विभिन्न समस्याओं के सम्बन्ध में आज दिनांक 27-03-2025 को रूद्वपुर के एक स्थानीय होटल में बैठक हुई। बैठक में राईस मिलर्स द्वारा वताया गया कि धान खरीद वर्ष 2024-25 में सरकारी धान खरीद योजना के अन्तर्गत कच्चा आडती के माध्यम से जो धान किसानों का खरीदा गया है उसका चावल सरकार को देने हेतु माह अक्टूबर 2024 से माह मार्च 2025 तक मात्र 16 लाटों ( 180 x 16 = 2880 कु० ) का प्रोग्राम मिलर्स को प्राप्त हुआ है और इस प्रोग्राम में अधिकाश सेन्टरों पर स्पेस न होने के कारण लाटे नही उतर पा रही है।

2- मिलर्स द्वारा प्रदेश अध्यक्ष नरेश कंसल को यह भी अवगत कराया कि जब मिलर्स एफ०सी०आई में चावल उतारने के लिए तैयार तो एफ०सी०आई० के पास कोई स्पेस नही था और अभी हाल ही में एफ०सी०आई० द्वारा एक और आदेश जारी किया गया है कि एफ० सी०आई० में केवल नान- एफ0आर0के0 चावल उतारा जायेगा, जबकि मिलर्स द्वारा एफ०सी०आई० में पूर्व में जो चट्टे बुक कराये गये है उसके अनुसार मिल द्वारा एफ0आर0के0 मिलाकर लाटे तैयार कर ली तथा चावल में जो एफ0आर0के0 मिला है वह सोरेटेक्स नही हो सकता ऐसी स्थिति में एफ०सी०आई० विभाग द्वारा वार वार अलग अलग आदेश जारी करने से मिलर्स को काफी वित्तीय हानि हो रही है। मांग की गई कि मिलर्स के एफ0आर0के0 मिली चावल की लाटों को एफ०सी०आई० में उतारा जाये।
3- मिलर्स द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि जिस प्रकार दूसरी सरकारी एजेन्सियाँ जैसे यू०सी०एफ०, पी०सी०यू० एन०सी०सी०एफ०, आदि भी कय एजेन्सियों के रूप में कार्य कर रही है उसी प्रकार कच्चा आड़ती भी एक एजेन्सी के रूप मे सरकार के साथ धान खरीद का कार्य करती है, लेकिन सरकार द्वारा इन कय एजेन्सियों से मात्र 2 प्रतिशत मण्डी शुल्क लिया जाता है और कच्चा आड़ती से 2.50 प्रति मण्डी शुल्क (जिसमें 0.50 प्रतिशत विकास सेस शामिल है) लिया जाता है। जबकि सभी व्यवस्थायें एक जैसी है। इसलिए मांग की गई कि कच्चा आड़ती से भी 2 प्रतिशत मण्डी शुल्क लिया जाये ।
4- विभाग द्वारा वर्ष 2019-20 के धान के परिवहन बिलों का भुगतान अभी तक नही किया गया है, उक्त के साथ ही यह भी बताया गया कि मिलर्स को धान से चावल निर्मित कर विभाग द्वारा बताये गये गोदामों पर पहुंचाने पर परिवहन मद में काफी अधिक धनराशि व्यय करनी पड़ती है परन्तु विभाग द्वारा पिछले 03 वर्षो से एक ही दर पर परिवहन का भुगतान किया जा रहा है, जिससे मिलसों को काफी आर्थिक क्षति हो रही है। जबकि सरकार द्वारा खाद्य आपूर्ति ठेकेदारो को अधिक दरों पर परिवहन का भुगतान किया जाता है। इसके लिए मिलर्स द्वारा विभाग से खाद्य आपूर्ति ठेकेदारो की भांति परिवहन का भुगतान करने हेतु मांग की गई।
5- प्रदेश अध्यक्ष द्वारा शासन से मांग की गई कि यदि आगामी वर्ष की धान खरीद नीति पंजाब, हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश एवं अन्य राज्यों की तर्ज पर नही बनाई जो कोई भी मिलर्स कच्चा आड़ती का कार्य नही करेगा जिसके लिए बैठक में उपस्थित समस्त राईस मिलर्स द्वारा अपनी सहमति व्यक्त की गई।
बैठक में उत्तराखण्ड राईस मिलर्स एशोसियसन के प्रदेश अध्यक्ष नरेश कंसल, उपाध्यक्ष रमेश गर्ग, , कोषाध्यक्ष पंकज बांगा, महामंत्री श्याम अग्रवाल, सचिन पूर्व अध्यक्ष उत्तराखण्ड राईस मिलर्स एशोसियसन उत्तराखण्ड राईस मिलर्स एशोसियसन, सौरभ सिंघल अध्यक्ष सितारगंज, ईश्वरी बंसल, खटीमा, अमित जिन्दल महामंत्री रूद्वपुर, जितेन्द्र सिंघल, लालपुर, हिमांशू काशीपुर, मनोज अध्यक्ष जसपुर आदि उपस्थित रहें ।