
भोंपूराम खबरी,देहरादून। उत्तराखंड की पवित्र चारधाम यात्रा 2025 का शुभारंभ 30 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ होगा. हर साल लाखों श्रद्धालु इस यात्रा में शामिल होते हैं, जिसे सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए प्रशासन ने अभी से अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. इस बार यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए कई अहम बदलाव किए गए हैं.

15 अप्रैल तक पूरी होंगी बुनियादी व्यवस्थाएं
गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने बीते दिनों विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें 2024 की यात्रा के दौरान सामने आई समस्याओं पर चर्चा की गई. प्रशासन ने बुनियादी सुविधाओं को 15 अप्रैल तक पूरा करने की अंतिम तारीख तय की है.अगर किसी विभाग ने तय समय तक तैयारियां पूरी नहीं की, तो उसकी जवाबदेही तय की जाएगी. गौरतलब है कि अगले हफ्ते से रजिस्ट्रेशन शुरु हो जाएंगे।
ऑनलाइन-ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की नई व्यवस्था
इस साल चारधाम यात्रा में 60% पंजीकरण ऑनलाइन और 40% ऑफलाइन
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी.
शुरुआत के 15 दिनों तक 24 घंटे रजिस्ट्रेशन की सुविधा मिलेगी.
इसके बाद यात्रियों की संख्या को ध्यान में रखते हुए समय में बदलाव होगा
हरिद्वार और ऋषिकेश में 20-20 रजिस्ट्रेशन काउंटर बनाए जाएंगे
जबकि विकासनगर में 15 काउंटर स्थापित होंगे.
वीआईपी दर्शन पर लगाम
इस साल यात्रा शुरू होने के पहले एक महीने तक किसी भी प्रकार के वीआईपी दर्शन की अनुमति नहीं होगी. वीआईपी श्रद्धालु भी आम यात्रियों की तरह दर्शन करेंगे. इस संबंध में सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र भेजा जाएगा.गौरतलब है कि बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई सुबह 6 बजे खुलेंगे. महाशिवरात्रि पर केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय होगी.
यात्रियों की सुरक्षा के लिए कड़े इंतजाम
यात्रा मार्ग को सेक्टरों में बांटकर प्रत्येक 10 किमी के सेक्टर में चीता पुलिस की गश्त होगी. साथ ही,चारों धामों में अतिरिक्त फोर्स की तैनाती की जाएगी. किसी भी आपात स्थिति में यात्रियों को हेलीकॉप्टर से एयरलिफ्ट कर हायर सेंटर भेजा जाएगा. वहीं, प्रशासन का कहना है कि स्थिति सामान्य होने पर पंजीकरण के समय को बदल कर सुबह 8 से रात 11 बजे तक किया जा सकता है. बता दें कि हर साल लाखों की संख्या में भक्त चार यात्रा में शामिल होते हैं.
इन सुविधाओं में होगा इजाफा
चारधाम मार्ग पर पर्याप्त बायो-टॉयलेट की व्यवस्था की जाएगी.
बिजली और मोबाइल नेटवर्क की सुविधा बेहतर बनाई जाएगी.
जरूरतमंद यात्रियों के लिए निशुल्क भोजन और ठहरने की व्यवस्था की जाएगी.
कहां से शुरू होती है यात्रा?
चारधाम यात्रा की शुरुआत पारंपरिक रूप से हरिद्वार से होती है. सबसे पहले श्रद्धालु यमुनोत्री धाम जाते हैं, इसके बाद गंगोत्री, केदारनाथ और अंत में बद्रीनाथ पहुंचते हैं. यात्रा को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए हर साल प्रशासन पूरी ताकत लगाता है, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो. ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए उत्तराखंड सरकार की वेबसाइट: