Thursday, July 17, 2025

एलायंस सोसाइटी में मासूम स्ट्रीट डॉग्स को पिंजरे में कैद कर किया गया जबरन रिलोकेट – जनपदीय पशु क्रूरता निवारण समिति ने उठाई आवाज़ और कानूनी कार्यवाही की मांग

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भोंपूराम खबरी। रुद्रपुर स्थित एलायंस सोसाइटी में बुधवार को एक अमानवीय घटना सामने आई, जिसने हर पशुप्रेमी और संवेदनशील नागरिक को झकझोर कर रख दिया। दर्जनों स्ट्रीट डॉग्स को लोहे के पिंजरों में कैद कर, ट्रॉली वाहन (वाहन संख्या: UP21G 3920) द्वारा अज्ञात स्थान पर जबरन रिलोकेट किया गया।

 

यह पूरा कृत्य न सिर्फ Animal Birth Control (ABC) Rules, 2023 का खुला उल्लंघन है, बल्कि यह भारतीय पशु क्रूरता अधिनियम और बीएनएस 325, साथ ही सुप्रीम कोर्ट और उत्तराखंड हाईकोर्ट के स्पष्ट दिशा-निर्देशों के भी विरुद्ध है।

⚖️ जनपदीय पशु क्रूरता निवारण समिति (SPCA) के सदस्य श्री प्रथम बिष्ट ने बताया टीम ने इस अमानवीय कृत्य पर कड़ी आपत्ति जताते हुए जिलाधिकारी को शिकायत पत्र सौंपा है। शिकायत में वीडियो व फोटो साक्ष्य संलग्न करते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है। साथ ही सीओ रुद्रपुर को तहरीर सौंपी हैं

पिंजरे में ठूंस-ठूंसकर बंद मासूम जानवरों को न तो भोजन-पानी उपलब्ध कराया गया, न ही उन्हें कोई मानवीय संवेदना दी गई। इनमें से कई डॉग्स घायल अवस्था में पाए गए।

घायल डॉग्स को मौके पर मौजूद सदस्य चीना शर्मा, विमला देवी, अलका सिन्हा, सिम्मी खत्री एवं प्रथम बिष्ट की टीम ने तत्परता से मुक्त कराया।

टीम ने यह भी कहा कि –

🗣️ “सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रदत्त पाँच स्वतंत्रताओं (Five Freedoms of Animals) को RWAs और सोसाइटीज में नज़रअंदाज़ किया जा रहा है। जीवों के प्रति नफरत और हीन भावना फैलाना सामाजिक मानसिकता की गिरावट है।”

1. भूख और प्यास से मुक्ति

➤ पशु को पोषणयुक्त भोजन और स्वच्छ पानी उपलब्ध होना चाहिए।

2. असुविधा से मुक्ति

➤ पशु को उचित आश्रय और आरामदायक जीवन जीने का वातावरण मिलना चाहिए।

3. दर्द, चोट और बीमारी से मुक्ति

➤ पशु को समय पर इलाज, दवाएं और पशु चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराई जानी चाहिए।

4. स्वाभाविक व्यवहार व्यक्त करने की स्वतंत्रता

➤ पशु को अपने प्राकृतिक व्यवहार (जैसे घूमना, खेलना, संचार आदि) व्यक्त करने की पूरी स्वतंत्रता होनी चाहिए।

5. डर और मानसिक पीड़ा से मुक्ति

➤ पशु को ऐसे किसी भी माहौल से मुक्त रखा जाना चाहिए जो उसे डर, तनाव या मानसिक पीड़ा दे।

इन स्वतंत्रताओं का उल्लंघन न केवल अनैतिक है, बल्कि कानूनी रूप से दंडनीय अपराध भी है। इन्हें दया और संवेदना के मूल आधार पर स्वीकार किया गया है, जिसे प्रत्येक RWA, नगर निकाय, और नागरिकों को समझना और पालन करना चाहिए।

जनपदीय पशु क्रूरता निवारण समिति – SPCA उधम सिंह नगर ने प्रशासन से अपील की है कि इस पूरे मामले में दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो और भविष्य में ऐसे कृत्य न हों, इसके लिए जन-जागरूकता अभियान चलाए जाएं।

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