
भोंपूराम खबरी। उत्तराखंड में इस बार होली का त्योहार और सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा एक ही दिन होने के कारण छात्रों और अभिभावकों के सामने मुश्किल खड़ी हो गई है। पूरे देश में 14 मार्च को होली मना ली जाएगी। उत्तराखंड के गढ़वाल में भी होली खेली जाएगी। राज्य सरकार की ओर से होली का अवकाश भी 14 मार्च को किया गया है लेकिन पर्व निर्णय सभा ने कुमाऊं मंडल में 15 मार्च को रंग का त्यौहार मनाने का फैसला किया गया।

15 मार्च को जब मंडल के ज्यादातर जिलों में होली खेली जा रही होगी, उसी दौरान सीबीएसई बोर्ड के 12 वीं कक्षा के बच्चे परीक्षा देने के लिए जा रहे होंगे। इससे दुविधा की स्थिति पैदा हो गई है। पर्व निर्णय सभा की ओर से तर्क दिया जा रहा है कि पूर्णिमा के दिन होली नहीं खेली जाती। इसलिए यहां पर होली चैत्र के पहले दिन मनाने के लिए कहा जा रहा है। उनकी ओर से कहा जा रहा है कि 14 मार्च को दोपहर 12:25 बजे के बाद होली मनाई जा सकती है।
बच्चे होली के त्यौहार को लेकर शुरू से ही खासे उत्साहित रहते हैं। पिछले कुछ वर्षों से पहाड़ में एक त्यौहार को दो-दो दिन मनाने की प्रथा चल पड़ी है। इस बार होली भी इसी की भेंट चढ़ गई है। सरकार ने छलड़ी का अवकाश 14 फरवरी को स्वीकृत किया है। कुमाऊं में आचार्य और विद्वानों के अपने मत हैं जो कि पूरे देश के आचार्य और विद्यानों से एकदम अलग हैं। उन्होंने 15 मार्च को छलड़ी मनाने का फैसला लिया है जबकि 15 मार्च को सुबह साढ़े दस बजे से डेढ़ बजे तक कुमाऊं मंडल में सीबीएसई बोर्ड की इंटरमीटिएट के विद्यार्थियों की हिंदी की परीक्षा होनी है।
बच्चे और उनके अभिभावक दोनों इस बात को लेकर परेशान हैं कि कुमाऊं में 15 मार्च को जब लोग होली खेल रहे होंगे तो उनके बच्चे कैसे परीक्षा देने जाएंगे क्योंकि तब सड़कों में होली का हुड़दंग होगा। जिले में सीबीएसई के 39 परीक्षा केंद्र हैं। सीबीएसई कार्डिनेटर मंजू जोशी ने बताया कि 15 मार्च को 12वीं की हिंदी परीक्षा सुबह 10:30 बजे से दोपहर 1.30 बजे तक है।