Saturday, May 31, 2025

बर्ड फ्लू के चलते यहां चिड़ियाघर में हाई अलर्ट, वन्य जीवों की निगरानी की तेज

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भोंपूराम खबरी,नैनीताल। केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण से मिले निर्देशों के तहत नैनीताल चिड़ियाघर में इन दिनों बर्ड फ्लू के खतरे को देखते हुए अलर्ट जारी कर दिया गया है. केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण से मिले दिशा-निर्देशों के अनुसार चिड़ियाघर प्रशासन ने एहतियातन कई कड़े कदम उठाए हैं, ताकि पक्षियों और अन्य प्राणियों को इस संक्रामक रोग से सुरक्षित रखा जा सके. नैनीताल डीएफओ चंद्रशेखर जोशी ने बताया एहतियात के तौर पर चिड़ियाघर में दो डॉक्टरों को तैनात किया गया है. चिड़ियाघर में बंद लेपर्ड, बाघ समेत अन्य पशु पक्षियों के ब्लड सैंपल एकत्र किए गए हैं, साथ ही जानवरों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है.

हाई अलर्ट पर चिड़ियाघर

डीएफओ चंद्रशेखर जोशी ने बताया हाल ही में उत्तर प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में बर्ड फ्लू के मामले सामने आए हैं. जिसके बाद केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने सभी राज्य चिड़ियाघरों को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं. नैनीताल चिड़ियाघर, जो ऊंचाई पर स्थित और कई दुर्लभ पक्षी प्रजातियों का आश्रय स्थल है, विशेष रूप से जोखिम में माना जा रहा है. ऐसे में यहां की व्यवस्थाओं को तुरंत सुदृढ़ किया गया है.

पक्षियों की विशेष निगरानी

चिड़ियाघर में वर्तमान में मोनाल, मोर, गिद्ध, उल्लू, तोता और अन्य कई प्रकार की देशी व विदेशी पक्षी प्रजातियां हैं. इन सभी पर विशेष निगरानी रखी जा रही है. चिड़ियाघर के कर्मचारियों को हर दिन स्वास्थ्य परीक्षण और पक्षियों के व्यवहार में किसी भी बदलाव को तुरंत रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया है. पक्षियों की नियमित जांच के लिए पशु चिकित्सकों की टीम सक्रिय रूप से काम कर रही है.

चिड़ियाघर में बाहरी संपर्क पर रोक

प्रशासन ने चिड़ियाघर परिसर में बाहरी पक्षियों के प्रवेश को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं. इसके तहत चिड़ियाघर के चारों ओर नेटिंग की गई है, ताकि जंगली पक्षी उड़कर अन्दर न आ सकें. इसके साथ ही सभी बाड़ों को सेनिटाइज किया जा रहा है. चिड़ियाघर के सभी कर्मचारियों को किट, दस्ताने, मास्क और सैनिटाइजर के साथ कार्य करने का निर्देश दिए गए हैं।

अभी चिड़ियाघर को बंद नहीं किया गया है, लेकिन पर्यटकों को पक्षियों के करीब जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है. विशेष रूप से पक्षी बाड़ों के आसपास बैरिकेडिंग कर दी गई है. साथ ही दर्शकों को मास्क पहनना और हाथ सैनिटाइज करना अनिवार्य कर दिया गया है. चिड़ियाघर प्रशासन पर्यटकों से सहयोग की अपील कर रहा है, ताकि इस संक्रमण से बचाव किया जा सके।

डीएफओ चंद्रशेखर जोशी,डीएफओ

बर्ड फ्लू के लक्षणों की पहचान

बर्ड फ्लू से संक्रमित पक्षियों में आमतौर पर सुस्ती, भूख न लगना, गर्दन मरोड़ना और सांस की दिक्कत जैसे लक्षण पाए जाते हैं. इन लक्षणों की पहचान के लिए एक अलग निगरानी टीम गठित की गई है, जो प्रतिदिन रिपोर्ट तैयार कर उच्च अधिकारियों को भेज रही है. डीएफओ चंद्रशेखर जोशी ने बताया अभी उत्तराखंड में बर्ड फ्लू के कोई लक्षण नहीं देखे गए हैं. अगर किसी पक्षी में बर्ड फ्लू जैसे लक्षण पाए जाते हैं तो उसे तुरंत अलग करके आइसोलेशन में रखा जाएगा.

लगातार की जा रही निगरानी

इसके लिए चिड़ियाघर में एक विशेष आइसोलेशन जोन तैयार किया गया है. इसके अलावा संक्रमण की पुष्टि होने पर उचित उपचार और केंद्र की ओर से सुझाई गई प्रक्रिया भी अपनाई जाएगी.उन्होंने आगे कहा कि हम केंद्र से मिले दिशा-निर्देशों का पूरी तरह पालन कर रहे हैं. चिड़ियाघर के जानवरों के ब्लड सैंपल एकत्र का जांच के लिए भेजे गए हैं. हमारी प्राथमिकता सभी पक्षियों और जानवरों की सुरक्षा है. हम किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार हैं और लगातार निगरानी रख रहे हैं.

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