
भोंपूराम खबरी,पंतनगर । दूषित जल और भोजन कई बीमारियों के जनक हैं। इन में हेपेटाइटिस ए और ई मुख्य है। हेपेटाइटिस से ग्रस्त व्यक्ति के लीवर की कार्यक्षमता कम हो जाती है, जिससे मरीज को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होने लगती हैं। यह एक कम समय का संक्रमण है, जो सावधानी बरतने पर चार-छह सप्ताह में ठीक भी हो जाता हैं। पंतनगर स्थित जैव प्रौद्योगिकी परिषद (बायोटेक ) के वैज्ञानिक डॉ. मणिंद्र मोहन ने बताया कि हेपेटाइटिस एक गंभीर वायरस से होने वाली संक्रामक बीमारी है इससे लीवर में सूजन आ जाती है हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी और ई (पांच) प्रकार का होता है। यूएस नगर जिले में जून तक 103 लोग हेपेटाइटिस बी और 426 लोग हेपेटाइटिस सी से ग्रस्त पाए गए हैं।

लक्षण
हल्का बुखार, थकान, सिर दर्द, उल्टी आना, भूख न लगना, अपच व पेट दर्द सहित पीलिया जैसे लक्षण के साथ जोड़ो व मांसपेशियों में दर्द आदि प्रमुख हैं।
कारण
हेपेटाइटिस ए और ई का संक्रमण दूषित खानपान से फैलता है। बी, सी और डी संक्रमित खून, सुई, यौन संपर्क या एक मां से शिशु में जन्म के समय फैलता है। जो ज्यादा घातक और दीर्घकालिक होते हैं और आगे चलकर सिरोसिस और लीवर कैंसर का कारण बनते हैं।
बचाव
■ पौष्टिक व संतुलित आहार उबला या शुद्ध पानी पीएं अल्कोहल के सेवन से बचें ■अधपका भोजन, मांस, मीट खाने से बचें ■ शौच के बाद साबुन से हाथ धोएं। गन्ना या अन्य के जूस के लिए डिस्पोजेबल गिलास उपयोग में लाएं हरी सब्जियों का ज्यादा इस्तेमाल करें लक्षण दिखने पर चिकित्सक से परामर्श लें।