
भोंपूराम खबरी। शनिवार प्रातः छतरपुर मार्ग पर अशोक लीलेंड रेलवे फाटक के पास रेल पटरी पर घूम रहे गौवंशीय पशुओं का झुंड ट्रेन की चपेट में आ गया। जिससे करीब आधा दर्जन गौंवशीय पशुओं की दर्दनो मौत हो गई जबकि कई पशु गंभीर रूप से घायल हो गये। गायों में एक गाय गर्भवती भी थी जिसका गर्भस्थ शिशु पैट फटने के बाद बाहर आ गया था।

सूचना मिलते ही रेलवे व पुलिस के कई अधिकारी व कर्मी मौके पर आ गये और उन्होंने जेसीबी की मदद से मृत पशु के अवशेषों को हटाकर रेलवे ट्रैक को साफ करवाया। इस दौरान रेलवे पटरी के किनारे लगे विद्युत पोलों की विद्युत आपूर्ति व्यवस्था को रोककर तारों को पीछे किया गया वहीं रूद्रपुर व हल्दी रेलवे स्टेशनों पर ट्रेनों को भी रोक दिया गया। बताया जाता है कि प्रातः करीब 9 बजे छतरपुर मार्ग पर अशोक लीलेंड के पास स्थित रेलवे क्रासिंग के समीप रेल पटरी पर आवारा गौंवशीय पशु घूम रहे थें। इसी दौरान अचानक तेज गति से आई टेªन की चपेट में कई गौवंश पशु आ गये। बताया जाता है कि लगभग आधा दर्जन गौवंश के चिथड़े पटरी पर इधर उधर फैल गये। घटना की जानकारी मिलते ही रेलवे व पुलिस के कई अधिकारी व कर्मियों सहित गौ रक्षक दल के कार्यकर्ता और कई समाजसेवी मौके पर आ गये और उन्होंने जेसीबी की मदद से मृतक गायों के अवशेषों को हटाकर रेलवे ट्रेक को साफ किया। मौके का दृश्य काफी हृदयविदारक था। कई गौवंश के अंग पटरी पर इधर उधर बिखरे हुए थे। एक गौवंश का पेट फटा हुआ था जिसमें मृत गर्भस्थ शिशु बाहर आ गया था। इस दौरान रूद्रपुर व हल्दी रेलवे स्टेशनों पर आने जाने वाली ट्रेनों को रोक दिया गया। कई घंटों की मशक्कत के बाद सभी मृत गौवंशों के अवशेषों को पटरी पर से हटाया जा सका। जिसके बाद रेलवे यातायात सुचारू हो पाया। कई गौवंश की हुई मौत के बाद लोगों में प्रशासन के प्रति काफी गुस्सा देखा गया। उनका कहना था कि पिछले काफी समय से छतरपुर मार्ग सहित तमाम मुख्य मागों पर हर समय आवारा पशु घूमते रहते हैं जिस कारण पूर्व कई सड़क दुर्घटनायें घटित हो चुकी है और कई लोग अपनी जान भी गंवा चुके है। परंतु सब कुछ देखते हुए भी प्रशासनिक व सम्बंधित विभागीय अधिकारी मौन साधे हुए हैं और आवारा पशुओं को सड़कों पर घूमने से रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं। यह समस्या लगातार बढ़ती जा रही है।


