
भोंपूराम खबरीरुद्रपुर। ऑनलाईन निवेश के नाम पर लाखों की धोखाधड़ी का मामला प्रकाश में आया है। शिकायत के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। जनपद नैनीताल निवासी जय किशन ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई रिपोर्ट में ऑनलाइन निवेश के बहाने 20,38,165 रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगाया है।

पीड़ित ने बताया कि दिनांक 5 नवंबर 2025 को उन्होंने फेसबुक पर एक निवेश विज्ञापन देखा, जिसे क्लिक करने पर उन्हें व्हाट्सएप्प ग्रुप से जोड़ा गया। ग्रुप में पांच एडमिन थे, जिन्होंने खुद को एंजल वन इंडिया लिमिटेड का प्रतिनिधि बताया और शेयर मार्केटिंग में अच्छे मुनाफे का भरोसा दिलाया। ग्रुप एडमिन के निर्देशानुसार जयकिशन ने टाटा मोटर्स (500570) के शेयरों में निवेश करने के लिए दिए गए लिंक और ऐप एंगवेन के माध्यम से दिनांक 27 नवंबर 2025 से 17 दिसंबर 2025 तक अपनी और पत्नी की बैंक खाता राशि यूपीआई और आरटीजीएस से स्थानांतरित की। पीड़ित के अनुसार, ऐप पर उनकी राशि लाभ के साथ दिखाई जा रही थी, लेकिन जब उन्होंने 12 दिसंबर 2025 को पैसा निकालने का प्रयास किया, तो उन्हें ब्रोकरेज और इनकम टैक्स के नाम पर अतिरिक्त भुगतान करने को कहा गया।
साथ ही, 17 दिसंबर 2025 को उनकी संपूर्ण राशि कथित रूप से आईसीआईसीआई प्रूडेंशल इंडिया लिमिटेड में डाल दी गई। इसके बाद उनसे 13,01,280 रुपये और मांगे गए। तभी जयकिशन को एहसास हुआ कि एंजल वन इंडिया लि-का कोई वास्तविक टाइअप नहीं था और यह पूरी योजना फर्जी प्रतिनिधि द्वारा की गई ऑनलाइन धोखाधड़ी थी। जयकिशन ने मामले की जानकारी साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर भी दी थी। साइबर क्राइम पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में केस दर्ज
रूद्रपुर। केनरा बैंक, शाखा एसएमई भदईपुरा के प्रबंधक सत्येन्द्र प्रताप सिंह ने बैंक को दिए गए 75 लाख रुपये के व्यावसायिक ऋण में कथित धोखाधड़ी की शिकायत के आधार पर थाना पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। शिकायत के अनुसार, रुद्रपुर के व्यवसायी रविन्द्र सिंह नेगी ने अपनी फर्म मैसर्स सिद्धि विनायक इंटरप्राइजेज के लिए एमएसएमई योजना के तहत 45 लाख रुपये का कार्यशील पूंजी ऋण और 30 लाख रुपये का टर्म लोन मशीनरी खरीदने के लिए बैंक से प्राप्त किया था। जांच में पाया गया कि रविन्द्र सिंह नेगी ने ऋण की धनराशि का सही उपयोग नहीं किया। बैंक की तफ्तीश के अनुसार, ऋण की कुल 75 लाख रुपये की राशि का एक बड़ा हिस्सा रविन्द्र सिंह नेगी की बहन कंचन सिंह, बहनोई शिव कुमार सिंह और पवन कुमार सिंह के खातों में ट्रांसफर कर लिया गया। इसके अतिरिक्त, मशीनरी खरीद के लिए प्रस्तुत बिल फर्जी पाए गए। बैंक ने पाया कि जीएसटी बिलों को जाली तरीके से तैयार किया गया और वास्तविक भुगतान संबंधित कंपनियों को नहीं किया गया। बैंक ने इस धोखाधड़ी की जानकारी अपने हेड ऑफिस को दी और वैधानिक कार्रवाई के निर्देश प्राप्त किए। हालांकि, शिकायतकर्ता ने बताया कि वह पहले कोतवाली रूद्रपुर पुलिस के पास तहरीर देकर एफआईआर दर्ज कराने का प्रयास कर चुके थे, लेकिन रिपोर्ट नहीं दर्ज की गई। इस वजह से उन्होंने न्यायिक मजिस्ट्रेट, रूद्रपुर की शरण ली, जिसके आदेश पर थाना रूद्रपुर पुलिस ने अब एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू की है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि योजना बनाकर की गई धोखाधड़ी भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 120बी, 406, 467 और 468 के अंतर्गत आती है। पुलिस अब फर्म और संबंधित व्यक्तियों के खातों व लेन-देन का विश्लेषण कर विस्तृत जांच कर रही है।


