
संवाददाता राजेश पसरिचा की रिपोर्ट!!

राजनीतिक नेताओं जनप्रतिधियों की आपसी खींचातानी का खामियाजा भुगत रही भोली भाली जनता।
देवभूमि उत्तराखंड में जहां कभी सकून महसूस होता था तो वहीं पिछले काफी समय से उत्तराखंड की चल रही राजनीति में खींचातानी से कहीं न कहीं आम आदमी अपने सकून को खोता दिखाई दे रहा है। जबकि उत्तराखंड की सियासत को समझना भी इतना आसान नहीं जहां किसी पार्टी के नेता जनप्रतिधि अन्य पार्टी के नेताओं पर तरह तरह से आरोप मंडते हुए खुद को अपनी पार्टी का सच्चा सेवक बताते हैं तो कुछ दिन बाद ही ऐसे ही नेता जनप्रतिनिधि कब दल बदल लेते हैं कुछ नहीं कहा जा सकता। वहीं जनपद ऊधम सिंह नगर रुद्रपुर में राजनीतिक नेताओं में आपसी मतभेद के कारण स्थानीय जनता पिसती नजर आ रही है। जहां कोई भाजपा पार्टी के नेताओं में तालमेल दिखाई नहीं दे रहा तो कहीं आम आदमी के आपसी संबंधों में भी खटास बढ़ती दिख रही है। जबकि इस बात से भी इन्कार नहीं किया जा सकता कि उत्तराखंड की राजनीति में नेता जनप्रतिधि अपने स्वार्थ सिद्ध के लिए किस ओर रुख कर लेते हैं यह उनके समर्थकों तक को भी नहीं पता रहता। वहीं जनपद ऊधम सिंह नगर रुद्रपुर विधान सभा में राजनीतिक में नेताओं की खींचातानी के कारण विकास कार्यों जैसे सड़के, नालियां, या फिर अन्य जरूरी कार्यों में भी अटकलें पैदा हो रही हैं। नेताओं जनप्रतिधियों से आपसी संबंधों के कारण आम आदमी न कुछ बोल पा रहा है और न ही चुप रह पा रहा है। बस अन्दर ही अन्दर घुटन महसूस कर पिस रहा है। उत्तराखंड के उज्जवल भविष्य के लिए प्रदेश के राजनीतिक पार्टी के नेताओं जनप्रतिधियों को अपने फ़र्ज़ को ध्यान में रखते हुएबिना भेदभाव से विकास कार्यों में ध्यान देना चाहिए। जिससे उत्तराखंड की जनता से किए वायदों को पूरा किया जाना चाहिए। न कि एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप में ही समय गंवा रहे अपने कार्यकाल को पूरा कर इति श्री की जानी चाहिए। आज उत्तराखण्ड में विकास कार्य पिछड़ते नजर आ रहे हैं। सरकारी महकमों में आम आदमी आवश्यक कार्य हेतु धक्के खाते दिखाई दे रहे हैं। जिस पर कोई नेता जनप्रतिधि ध्यान नहीं दे रहे हैं। जबकि आम जनता की सुविधाओं को लेकर नेता जनप्रतिधि की पहली जिम्मेदारी होनी चाहिए।


