
भोंपूराम खबरी। उत्तराखंड पंचायत चुनाव हेतु भाजपा सरकार द्वारा लागू आरक्षण प्रक्रिया का कांग्रेस संगठन ने पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि गलत प्रक्रिया से विभिन्न वर्गों के सैकड़ो सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ताओं में घोर मायूसी है। जो अपनी अपनी पंचायत में विभिन्न पदों पर प्रतिनिधित्व करने का सपना संजाए थे, भाजपा सरकार ने उनकी मंसूबों पर पानी फेरने का काम किया है ।

प्रेस विज्ञप्ति में प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व दर्जा राज्य मंत्री डॉ गणेश उपाध्याय ने कहा कि 2016 में कांग्रेस सरकार का उत्तराखंड के पंचायत राज एक्ट में त्रिस्तरीय पंचायत आरक्षण प्रक्रिया को रोटेशन प्रणाली से लागू कर प्रत्येक वर्ग को पंचायतो में प्रतिनिधित्व देने का प्रावधान किया गया था। उच्चतम न्यायालय द्वारा ओबीसी वर्ग को पंचायत में आरक्षण दिए जाने के निर्देशों के क्रम में वर्मा आयोग की रिपोर्ट के अनुसार ओबीसी वर्ग के आरक्षण निर्धारण तो प्रथम चरण के अनुसार होना चाहिए था। लेकिन अन्य वर्गों के आरक्षण की प्रक्रिया 2019 के पंचायत चुनाव के बाद वर्तमान में द्वितीय चरण में रोटेशन के आधार पर होनी चाहिए थी, लेकिन सरकार द्वारा पूरी प्रक्रिया को शून्य कर दिए जाने से कई लगातार सामान्य व बहुत सी लगातार विभिन्न वर्गों के लिए आरक्षित होने से अन्य वर्गों को प्रतिनिधित्व नहीं मिल पा रहा है। जबकि पंचायत में आरक्षण की मूल धारणा के अनुसार हर 5 वर्ष में रोटेशन के आधार पर प्रत्येक वर्ग महिला ,पुरुष ,एससी ,एसटी व ओबीसी को प्रतिनिधित्व दिए जाने का प्रावधान है।