
भोंपूराम खबरी। किच्छा रोड रामनगर स्थित दुर्गा मंदिर के एक हिस्से को तोड़े जाने के खिलाफ वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व ब्लाक प्रमुख किन्नू शुक्ला गुरूवार को मंदिर परिसर के बाहर आमरण अनशन पर बैठ गये। उन्होनें ऐलान किया कि आमरण अनशन तब तक जारी रहेगा जब तक दुबारा उसी स्थान पर महादेव और काली माता का मंदिर स्थापित नहीं होता। इस दौरान तमाम ग्रामीणों ने किन्नू शुक्ला के साथ एनएचएआई के खिलाफ धरना भी दिया।

बता दें सड़क चौड़ीकरण के नाम पर एनएचएआई और प्रशासन ने बुधवार को रामनगर स्थि दुर्गा मंदिर परिसर में महादेव और मां काली की प्रतिमा के साथ ही वहां मौजूद पंडित जी के कमरे को भी बुल्डोजर की मदद से ध्वस्त कर दिया। इस मंदिर को बचाने की मांग कांग्रेस नेता किन्नू शुक्ला की अगुवाई में ग्रामीण लम्बे समय से कर रहे थे। इस सम्बंधा में जिलाधिकारी को पूर्व में ज्ञापन भी दिया गया था। कल जब मंदिर तोड़ा गया था तो भारी फोर्स के चलते कोई भी ग्रामीण विरोध करने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। मंदिर तोड़े जाने के दौरान कांग्रेस नेता किन्नू शुक्ला शहर से बाहर थे। लौटने के बाद आज मंदिर टूटा देख किन्नू शुक्ला मंदिर परिसर के बाहर एनएचएआई के खिलाफ आमरण अनशन पर बैठ गये। उनके समर्थन में कई ग्रामीणों ने आमरण अनशन स्थल पर धरना भी दिया। इस दौरान किन्नू शुक्ला ने कहा कि जब तक मंदिर पुर्नस्थापित नहीं किया जाता तब तक आमरण अनशन जारी रहेगा। किन्नू शुक्ला का कहना था कि पूर्व में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के कार्यकाल में इस मंदिर को लेकर एनएचएआई के साथ मंदिर को नुकसान नहीं पहुंचाये जाने को लेकर समझौता हुआ था लेकिन इसके बावजूद एनएचएआई ने मंदिर तोड़कर लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत किया है। उन्होंने कहा कि यह मंदिर दशकों से क्षेत्र के तमाम ग्रामीणों की आस्था का केन्द्र है। इस पर बुल्डोजर चलाया जाना सरासर अन्याय है। उन्होंने प्रशासन पर जनभावनाओं की अनदेखी का आरोप लगाया।


