

भोंपूराम खबरी। चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि दर्ज करते हुए चंदोला होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, रुद्रपुर को आज माननीय उत्तराखंड हाईकोर्ट नैनीताल से बड़ी राहत मिली। लंबे समय से छात्रों की भविष्य को लेकर चली आ रही अनिश्चितता पर विराम लगाते हुए हाईकोर्ट ने उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय को कड़े निर्देश देते हुए कहा कि—“कॉलेज के छात्रों को किसी भी प्रकार से अनावश्यक रूप से परेशान न किया जाए। नॉन-नीट और नीट दोनों वर्गों के छात्रों से संबंधित समस्त औपचारिकताएं नियत समय पर पूरी की जाएं।”यह आदेश ना सिर्फ कॉलेज प्रशासन के लिए राहत लेकर आया, बल्कि सैकड़ों छात्रों के चेहरों पर न्याय की उम्मीद लेकर आया।

डॉ. के.सी. चंदोला की संकल्पशक्ति ने दिलाई न्याय की जीत
कॉलेज के संस्थापक व वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. के.सी. चंदोला ने इस निर्णय को ‘ईश्वर की कृपा’ और ‘सत्य के पक्ष की जीत’ बताया। उन्होंने कहा:
हमने हमेशा गुणवत्ता युक्त चिकित्सा शिक्षा और छात्र हित को सर्वोपरि रखा है। यह निर्णय कॉलेज, छात्रों और उनके परिजनों की आस्था की जीत है। यह सत्य की विजय है। हम भगवान का हृदय से धन्यवाद करते हैं और माननीय न्यायालय के इस विवेकपूर्ण निर्णय का स्वागत करते हैं।”
डॉ. चंदोला ने विशेष रूप से यह भी कहा कि भविष्य में कॉलेज विद्यार्थियों के लिए और अधिक पारदर्शिता और सुविधा सुनिश्चित करेगा, जिससे किसी छात्र को शैक्षणिक अस्थिरता का सामना न करना पड़े।
क्या कहा कोर्ट ने? – निर्णय की मुख्य बातें:छात्रों की शैक्षणिक प्रगति में बाधा उत्पन्न करना अनुचित।
विश्वविद्यालय को सभी प्रक्रियाएं निर्धारित समय पर पूरी करने के निर्देश।
नॉन-नीट व नीट छात्रों के बीच कोई भेदभाव न किया जाए।
छात्रों को मानसिक या प्रशासनिक रूप से परेशान न किया जाए।
कॉलेज द्वारा दाखिला प्रक्रिया और संचालन में किसी तरह की अनियमितता नहीं पाई गई।
छात्रों और अभिभावकों में खुशी की लहर