

भोंपूराम खबरी। इकोनॉमिक्स टाइम्स के हवाले से खबर आ रही है कि उत्तराखंड की आदित्य बिड़ला रियल एस्टेट लिमिटेड (ABREL) के बोर्ड ने सोमवार को व्यापार हस्तांतरण समझौते (Business Transfer Agreement) के निष्पादन को मंजूरी दी, जिसके तहत उत्तराखंड के लालकुआं में स्थित कंपनी के पल्प और पेपर उपक्रम को आईटीसी लिमिटेड को हस्तांतरित किया जाएगा।

यह सौदा 3,498 करोड़ रुपये का है, जो आईटीसी द्वारा ABREL को भुगतान किया जाएगा। इस सौदे को ABREL के लिए मूल्य अनलॉकिंग अभ्यास के रूप में देखा जा रहा है। कंपनी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि इस कदम से कंपनी को अपने मूल व्यवसाय—रियल एस्टेट—में वृद्धि के नए अवसरों को भुनाने में मदद मिलेगी।
आदित्य बिड़ला रियल एस्टेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक आर. के. डालमिया ने कहा, “ABREL द्वारा पल्प और पेपर उपक्रम का विनिवेश (divestment) एक रणनीतिक पोर्टफोलियो निर्णय है और यह ABREL के शेयरधारकों के लिए मूल्य अनलॉक करता है। कंपनी एक परिवर्तनकारी विकास चरण में प्रवेश कर चुकी है, और यह कदम इसे रियल एस्टेट पर अधिक ध्यान केंद्रित करने में सक्षम बनाएगा, जिससे दीर्घकालिक मूल्य सृजन हो सकेगा।”
यह एकमुश्त राशि (lump sum consideration) कुछ समायोजनों (adjustments) के अधीन होगी, जैसा कि समझौते में निर्धारित किया गया है। यह लेनदेन आवश्यक कानूनी और नियामकीय अनुमोदनों (regulatory approvals), जैसे कि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) और शेयरधारकों की मंजूरी पर निर्भर करेगा।
डालमिया ने आगे कहा, “सालों से CPP (Century Pulp and Paper) मजबूत प्रदर्शन और उच्च स्थिरता मानकों (sustainability standards) का पर्याय बन चुका है। इसे अगले स्तर तक ले जाने के लिए, कंपनी को आईटीसी के रूप में एक विश्वसनीय और स्थापित खरीदार मिला है, जो एक बेहद संतोषजनक बात है।”
इस लेनदेन के लिए जेएम फाइनेंशियल लिमिटेड ने एक्सक्लूसिव फाइनेंशियल एडवाइजर (वित्तीय सलाहकार) के रूप में और AZB & पार्टनर्स ने कानूनी सलाहकार के रूप में कार्य किया।
बाजार में अग्रणी आईटीसी के पास आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में फैली चार विनिर्माण सुविधाओं (manufacturing facilities) के माध्यम से प्रति वर्ष 1 मिलियन टन से अधिक पेपर उत्पादन क्षमता है। इस सौदे के लिए आईटीसी की प्रतिस्पर्धा वेस्ट कोस्ट पेपर मिल्स से थी। आदित्य बिड़ला समूह के लिए यह बिक्री पूंजी मुक्त करने का एक रणनीतिक निर्णय है। यह भारत के सबसे बड़े व्यापार समूहों में से एक है, जिसकी रुचि धातु, सीमेंट, वित्तीय सेवाएं, खुदरा (retail) और दूरसंचार (telecom) जैसे विभिन्न क्षेत्रों में है। हाल ही में, समूह ने पेंट, आभूषण खुदरा (jewellery retailing) और रियल एस्टेट जैसे नए क्षेत्रों में भी कदम रखा है, जिसके लिए उसने महत्वपूर्ण पूंजीगत व्यय (capex) किया है