

भोंपूराम खबरी,रुद्रपुर। नमामि गंगे के तहत शहर के बीचों-बीच बहने वाली कल्याणी नदी के पुनर्जीवन की योजना को धरातल पर उतारने से पहले केंद्र सरकार ने सिडकुल, और प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड से आख्या तलब की है। इसमें सिडकुल से कंपनियों के ओर से कैमिकल युक्त पानी के ट्रीटमेंट और प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड से कल्याणी नदी के पानी की गुणवत्ता रिपोर्ट मांगी है।

नमामि गंगे के तहत कल्याणी नदी में गिरने वाले नालों के पानी के शोधन के लिए एसटीपी बनाया जाना है। इसके लिए प्रशासन ने 390 करोड़ की डीपीआर बनाकर शासन को भेज दी है। इसमें 163 करोड़ रुपये एसटीपी के रखरखाव के लिए आरक्षित किए गए हैं। इस धनराशि से पूरे 15 वर्ष तक एसटीपी का रखरखाव और संचालन किया जाना है। इसमें तीन पंपिंग स्टेशन और एक 39 एमएलडी का एसटीपी भी शामिल है।
योजना के तहत कल्याणी को प्रदूषण से बचाने के लिए नदी किनारे एसटीपी में बड़े नालों के गंदे पानी का शोधन किया जाएगा। इसके बाद ही शुद्ध जल नदी में छोड़ा जाएगा। एसटीपी निर्माण के लिए प्रशासन की ओर से जमीन की तलाश कर ली गई है। जलशोधन के लिए बनने वाले प्लांट के लिए कुल पांच जमीनों का चिह्नांकन किया गया है। इसमें एक स्थान पर एसटीपी बनेगा और चार स्थानों पर पंपिंग स्टेशन का निर्माण प्रस्तावित है इधर केंद्र सरकार ने सिडकुल की कंपनियों की ओर से किए जा रहे पानी शोधन की रिपोर्ट मांगी है। प्रशासन से पूछा है कि क्या सिडकुल की ओर से कचरा प्रबंधन किया जा रहा है। कंपनियों से निकलने वाले केमिकलयुक्त पानी को क्या ट्रीटमेंट करके नदी में छोड़ा जाता है। साथ ही प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड से शहर में नदी के पानी की स्थिति और जहां से नदी निकलती है, वहां की रिपोर्ट मांगी है। दोनों की आख्या केंद्र सरकार को भेजे जाने के बाद ही स्वीकृति मिल सकती है।
केंद्र सरकार ने सिडकुल और प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड से आख्या मांगी है। सिडकुल की रिपोर्ट आ गई है, प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की रिपोर्ट का इंतजार है। इसके बाद प्रशासन की ओर से दोनों आख्या शासन को भेज दी जाएगी। शासन केंद्र सरकार को भेजेगा। – सुनील जोशी, अधिशासी अभियंता पेयजल निगम