

भोंपूराम खबरी। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रुड़की ने यौन उत्पीड़न के एक गंभीर मामले में कड़ा कदम उठाते हुए प्रबंधन अध्ययन विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. जिल्लुर रहमान को बर्खास्त कर दिया है। यह निर्णय संस्थान के बोर्ड ऑफ गवर्नेस (बीओजी) की बैठक में लिया गया, जिसकी पुष्टि संस्थान की वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी ने की है।

जनवरी में की गई थी शिकायत
आईआईटी में पीएचडी कर रही एक छात्रा ने जनवरी 2025 में प्रोफेसर जिल्लुर रहमान पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। शिकायत दर्ज होने के बाद संस्थान ने तुरंत आंतरिक जांच समिति का गठन कर मामले की जांच शुरू की। समिति ने न केवल पीड़िता के बयान लिए, बल्कि आरोपी प्रोफेसर से भी उनका पक्ष जानने की प्रक्रिया अपनाई ।
बीओजी की मंजूरी के बाद हुई कार्रवाई
जांच रिपोर्ट बीओजी को सौंपी गई, जहां गहन विचार-विमर्श के बाद प्रो. रहमान की बर्खास्तगी को मंजूरी दी गई। यह निर्णय संस्थान के इतिहास में पहली बार किसी संकाय सदस्य को बर्खास्त किए जाने के रूप में दर्ज हुआ है।
प्रोफेसर की पृष्ठभूमि और स्थिति
प्रो. जिल्लुर रहमान की गिनती विभाग के वरिष्ठ शिक्षकों में होती थी। वे अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) से पीएचडी धारक हैं और मार्केटिंग मैनेजमेंट विषय पढ़ाते थे। बर्खास्तगी से पहले, प्रो. रहमान के निर्देशन में 15 शोधार्थी काम कर रहे थे।
आईआईटी प्रशासन का सख्त रुख
संस्थान ने इस मामले को अत्यंत गंभीरता से लिया और ‘शून्य सहिष्णुता’ की नीति अपनाते हुए यह सख्त कदम उठाया है। यह कार्रवाई न केवल पीड़ित छात्रा को न्याय दिलाने की दिशा में अहम है, बल्कि आने वाले समय में संस्थान में सुरक्षित और सम्मानजनक शैक्षिक वातावरण सुनिश्चित करने का संकेत भी देती है।