Thursday, April 24, 2025

बीजेपी पार्षद ने घंटों तक किया एंबुलेंस का इंतजार, फिर ई-रिक्शा से ले गए बेटी का शव

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भोंपूराम खबरी। उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी सरकारी अस्पतालों, ट्रॉमा सेंटरों और जिला अस्पतालों में शव वाहन की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. ताकि मरीज की मृत्यु के बाद उनके परिजनों को शव ले जाने में कोई दिक्कत न हो. लेकिन फिरोजाबाद के सरकारी ट्रॉमा सेंटर और मेडिकल कॉलेज की जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल अलग नजर आई।

नगर निगम के वार्ड नंबर 36 से भारतीय जनता पार्टी के पार्षद धर्मपाल राठौर की 12 वर्षीय बेटी खुशी घर में खेलते समय गिर गई. जिससे उसे गंभीर चोटें आईं. परिवार वाले उसे तत्काल फिरोजाबाद के सरकारी ट्रॉमा सेंटर लेकर पहुंचे, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. बेटी की मौत से दुखी पार्षद ने शव को घर ले जाने के लिए अस्पताल प्रशासन से सरकारी शव वाहन की व्यवस्था करने की गुहार लगाई. लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया और करीब एक घंटे तक टालमटोल करते रहे.

आखिरकार, लाचार पार्षद को अपनी बेटी के शव को ई-रिक्शा में रखकर घर ले जाना पड़ा.इस मामले को लेकर अस्पताल प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मीडिया के सामने कुछ भी बोलने से बचते नजर आ रहे हैं. वहीं इस घटना ने सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल दी है।

धर्मपाल सिंह राठौड़ भाजपा नगर निगम पार्षद वार्ड नंबर 36 ने बताया कि मेरी बेटी घर में खेलते खेलते गिर गई. गिरने के बाद यहां लेकर आएं डॉक्टरों ने उसको मृत घोषित कर दिया, उन्होंने कहा कि शव वाहन से घर भिजवाएंगे. शव वाहन के इंतजार करते करते दो घंटे हो गए. स्टाफ द्वारा कहा जा रहा है कि एक गाड़ी में डीजल नहीं है, एक गाड़ी खराब पड़ी है, एक गाड़ी जाम में फंसी हुई है और समय लगेगा.

सरकार की इसमें कोई लापरवाही नहीं है- बीजेपी पार्षद

बीजेपी पार्षद ने कहा हमने सीएमएस के लिए फोन किया उन्होंने कहा कि गाड़ी बहुत जल्दी आने वाली है, उसके बाद से वेट करते करते डेढ़ घंटे का समय हो गया, फिर भी गाड़ी नहीं आई, ये प्रशासन की लापरवाही है. सरकार की इसमें कोई लापरवाही नहीं है, सरकार तो बहुत कुछ दे रही है ये अस्पताल प्रशासन की लापरवाही है, यहां का स्टाफ बहुत गन्दा है ये मेरे साथ कैसा व्यवहार कर रहे हैं ये मैं जानता हूं.

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