Thursday, March 20, 2025

बांके बिहारी नहीं पहनेंगे मुस्लिम कारीगरों द्वारा तैयार पोशाक, इस वजह से शुरू हुआ विरोध, आंदोलन की चेतावनी

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भोंपूराम खबरी,मथुरा। श्री कृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास ने सेवायतों को पत्र सौंपकर मांग की है कि भगवान (बांके बिहारी ) की पोशाकें मुस्लिम कारीगरों से न बनवाई जाएं. न्यास के अध्यक्ष पं. दिनेश फलहारी ने बांके बिहारी मंदिर के सेवायतों को पत्र सौंपकर यह मांग की है. उन्होंने कहा कि भगवान की पोशाक शुद्धता का प्रतीक होनी चाहिए. जो लोग हमारे भगवान को नहीं मानते और गौ माता को काटकर खाते हैं, हम उनके हस्तक्षेप को अपने धार्मिक कार्यों और व्यापार में स्वीकार नहीं करेंगे.

बांके बिहारी मंदिर के सेवायत अशोक गोस्वामी और आचार्य ज्ञानेंद्र किशोर गोस्वामी को पत्र सौंपकर अपनी मांग रखी गई है. संपूर्ण ब्रजमंडल के अधिकांश मंदिरों में पुष्टिमार्ग के आधार पर ठाकुर जी की सेवा होती है, जो अत्यंत शुद्धता का प्रतीक है. ऐसे में किसी विधर्मी के हाथों से बनी वस्तु ठाकुर जी को अर्पित नहीं की जा सकती. जो लोग ऐसा कर रहे हैं, वे घोर पाप के भागी हैं. हिंदूवादी नेताओं ने कहा कि अगर इस मांग पत्र को वरीयता नहीं दी गई और इस कुकर्म को नहीं रोका गया, तो हम आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे.

मुस्लिम परिवारों का खानदानी काम

गौरतबल है कि मथुरा के कृष्ण जन्मभूमि मंदिर में ठाकुर जी को पहनाई जाने वाली पोशाकों को मुस्लिम परिवारों द्वारा तैयार किया जाता है. इतना ही नहीं देश विदेश में लड्डू गोपाल के लिए जो पोशाक तैयार होती हैं उन्हें भी मुस्लिम परिवार ही तैयार करते हैं. ठाकुर जी के पोशाक तैयार करना इन मुस्लिम परिवारों का खानदानी काम है और यह लंबे समय से होता आ रहा है. अगर कहा जाए कि इन मुस्लिम परिवारों की जीविका का एकमात्र साधन लड्डू गोपाल की पोशाकें ही हैं.

 

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