

भोंपूराम खबरी,रुद्रपुर। कार फरीदने के नाम पर लाखों रुपये की ठगी और फर्जीवाड़े के एक मामले में पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर एफआईआर दर्ज कर ली है। प्रकरण नगर के सिविल लाइन निवासी विनोद कुमार गक्फर की ओर से दर्ज कराया गया है, जिसमें रजनीश अरोरा, निवासी इंद्रा कॉलोनी, पर धोफाधड़ी, विश्वासघात और षडयंत्र रचने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, वादी विनोद गक्फर ने 5 मार्च 2024 को रजनीश अरोरा से मारुति स्विफ्ट कार यूपी 22बीसी 2030 पाँच लाख पचास हजार रुपये में फरीदी थी। रजनीश ने बताया था कि कार पर तीन लाख रुपये का लोन चल रहा है और विनोद से उसे महिंद्रा फाइनेंस के फाते में यह राशि जमा कराने को कहा। शेष 2-5 लाख रुपये नकद देने के बाद कार वादी को सौंप दी गई और एक महीने के भीतर एनओसी देने का आश्वासन दिया गया। पीड़ित के अनुसार, एक माह बीत जाने के बाद जब उसने एनओसी की मांग की तो आरोपी टालमटोल करने लगा। अंततः 15 अक्टूबर 2024 को व्यापार मंडल के सदस्यों की उपस्थिति में आदर्श कॉलोनी चौकी में पंचायत हुई, जहां रजनीश अरोरा ने सात दिन के भीतर एनओसी या रुपये वापस करने का स्टाम्प पेपर पर ििलफत आश्वासन दिया। निर्धारित समयसीमा समाप्त होने के बावजूद न तो एनओसी सौंपी गई और न ही राशि लौटाई गई। पीड़ित विनोद गक्फर ने पहले मामले की शिकायत 26 अगस्त 2024 को थाना रुद्रपुर में दर्ज कराई, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। बाद में 26 सितंबर 2024 को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को शिकायती पत्र सौंपा गया, जिस पर 12 फरवरी 2025 को जांच अधिकारी से रिपोर्ट तलब की गई। रिपोर्ट के अभाव में कोई कार्रवाई नहीं होने पर वादी ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया। शिकायतकर्ता का आरोप लगाया है कि रजनीश अरोरा एक गिरोह बनाकर फाइनेंस कंपनियों से मिलीभगत कर गाड़ियों का लोन पास करवाता है और बाद में किस्तें न देकर गाड़ियाँ जब्त कराई जाती हैं। फिर उन्हें औने-पौने दामों में फरीदकर अन्य लोगों को बेच दिया जाता है। उसी तरह का फर्जीवाड़ा वादी के साथ भी किया गया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
