भोंपूराम खबरी रुद्रपुर। छठ पर्व के मौके पर डेढ़ दिन के निर्जल मुश्किल व्रत के बाद गुरुवार को महिलाओं ने उगते सूर्य को अर्घ्य देते हुए परिवार, समाज व देश की शांति के साथ मनोकामना पूर्ण होने का आशीर्वाद मांगा। अलग-अलग घाटों पर हजारों श्रद्धालु विधिवत रूप से पूजा अर्चना करते नजर आए।
मान्यता है कि जिस तरह से सूर्य के अस्त होने के साथ अर्घ्य दिया जाता है, उसी तरह सूर्य के उगते ही अर्घ्य दिया जाता है। श्रद्धालुओं का कहना है कि ना सिर्फ बच्चों और पति के लिए यह व्रत रखा जाता है। बल्कि किसी भी तरह की मनोकामना पूरी होने का आशीर्वाद छठी मैया से मांगा जाता है।
सुबह होने से पहले ही शहर के घाटों पर महिलाओं और पुरुषों की बड़ी संख्या देखी गई , जिसमें बच्चे भी शामिल रहे। व्रती महिला सुभाषिनी द्विवेदी ने बताया कि वह शादी के बाद से छठ पर व्रत रखती है और छठ मैया के आशीष से उनके जीवन पर काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। उनका कहना है कि सभी को यह व्रत रखना चाहिए। अनिल सिंह ने बताया कि वह मूल रूप से बिहार के रहने वाले है लेकिन कई वर्षों से रुद्रपुर में रह रहे है और छठ पर्व भी मना रहे हैं। उन्होंने बताया कि छठ मैया ने उन्हें हर मुश्किल वक्त से उबारा है और कई मनोकामनाएं भी पूरी हुई है। आस्था और संस्कृति की ये छटा ही छठ पर्व को अनोखा बनाती है। मान्यता है कि छठ पर्व की शुरुआत द्वापर काल में पांडवों की माता कुंती द्वारा की गई थी। हालांकि इसके अलावा भी कुछ मान्यताएं इससे अलग भी है।