भोंपूराम खबरी, रुद्रपुर। नहाय-खाय के साथ आस्था का महापर्व ‘छठ’ उत्साह के साथ शुरू हो गया है। पर्व से पहले शहर भर में खासा उत्साह देखने को मिला। बाजारों में महिलाओं ने छठ पूजा को लेकर जमकर खरीदारी की।
बता दें कि हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा का पर्व मनाया जाता है। इस बार छठ पूजा सोमवार को पड़ी है। छठ पूजा की शुरुआत कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से होती है और कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी को मुख्य पूजा के बाद सप्तमी की सुबह सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत का समापन होता है। छठ का व्रत बहुत ही कठिन होता है इसमें पूरे 36 घंटे तक बिना कुछ खाए पीए रहना होता है। चार दिन तक चलने वाला यह महापर्व बिहार के अलावा झारखण्ड और पूर्वी उत्तर भारत में बड़ी धूम.धाम से मनाया जाता है। इस बार छठ पूजा की तिथि निर्धारित हो गयी है। नहाय.खाय के साथ महापर्व शुरू होगा, जो अगले चार दिन तक जारी रहेगा। बता दें कि छठ पूजा में सूर्य की आराधना का बड़ा महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार छठी माता को सूर्य देवता की बहन माना जाता हैं। मान्यताओं के अनुसार छठ पूजा में सूर्य की उपासना करने से छठ माता प्रसन्न होती हैं और परिवार में सुख.शांति और संपन्नता का आशीर्वाद देती हैं। छठ पूजा की शुरुआत नहाय खाय से होती है और इसके अगले दिन खरना होता है। तीसरे दिन स्नान कर डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और प्रसाद तैयार किया जाता है। छठ के आखिरी दिन उगते हुए सूर्य की आराधना की जाती है। आइए जानते हैं इस साल छठ पूजा की तिथियां, पूजा का शुभ मुहूर्त और छठ पूजा में किस दिन क्या किया जाता है। बता दें कि इस बार आज सोमवार को नहाय.खाय के साथ छठ पूजा का शुभारंभ होगा। कल 9 नवम्बर को पंचमी ‘खरना’ होगी। वहीं 10 नवम्बर को षष्ठी ‘डूबते सूर्य को अर्घ्य’ दिया जायेगा। वहीं 11 नवम्बर को सप्तमी के दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देकर इस महापर्व का समापन होगा।