भोंपूराम खबरी, रुद्रपुर। दीपावली की रात घर-घर महालक्ष्मी का पूजन किया गया और इसी रात में आतिशबाजी के उत्साह में लोगों ने लगभग पांच करोड़ रुपये के पटाखे जला दिए। पहले अनुमान लगाया जा रहा था, कि महंगी होती आतिशबाजी के कारण बिक्री का ग्राफ नहीं बढ़ेगा। लेकिन किच्छा बाईपास पर मोदी मैदान में लगे पटाखों के स्टाल्स से खरीदी चलती रहगी और दीपावली की देर रात तक लोगों ने खूब आतिशबाजी छोड़कर आनंद उठाया। जिससे रात भर पटाखों की आवाज से नगर गूंजता रहा।
कोरोना के कारण पिछले वर्ष दीपावली की रंगत फीकी रही। इसके बाद बीते माह आई जल आपदा से भी लोगों को काफी नुकसान हुआ। लेकिन इस बार लोगों को खुलकर त्योहार मनाने का मौका मिला तो बच्चों संग युवाओं का उत्साह भी परवाह चढ़ने लगा। महंगाई के बाद भी लोगों ने खूब पटाखे छोड़े। धनतेरस से शुरू हुए दीपावली पर्व की तैयारी लंबे समय से चल रही थी। गुरुवार की रात महालक्ष्मी और गणेश का पूजन अर्चन किया गया। इसी के साथ ही दीपावली के जश्न में एक करोड़ रुपये की आतिशबाजी जलाई गई। बच्चों ने रोशनी, घिरनी, अनार छोड़कर जहां पर्व का आनंद उठाया, वहीं बड़े बुलेट बम, सतरंगी राकेट सहित अनेकों आवाज वाले आसमान में फूटने वाले बम छोड़कर पर्व मनाया। महिलाएं व युवतियां भी रंग बिरंगी, साड़ी, लहंगा चुनरी में सजधज कर पूजन अर्चन की और आतिशबाजी कर उत्साहित नजर आईं। चीनी पटाखों के विरोध के चलते इस साल शहर में पटाखा कारोबारियों की संख्या में इजाफा हो गया है। नगर के निर्धारित पटाखा विक्रय स्थल पर इस बार 165 दुकानें सजाई गईं। जहां पांच करोड़ रुपये से अधिक की आतिशबाजी का विक्रय हुआ। कारोबारी मिंटू जुनेजा, सोहन लाल आदि ने बताया कि इस बार काफी अच्छी बिक्री हुई है। बताया कि लोगों ने चाइनीज पटाखों की अपेक्षा देसी पटाखों की डिमांड की।
वहीं व्यापार मंडल अध्यक्ष संजय जुनेजा ने कहा कि महंगाई का असर दिवाली पर देखने को मिला लेकिन उत्पादों की खरीद पर विभिन्न स्कीम और ब्याज रहित ऋण उपलब्ध होने के कारण लोगों ने दिल खोलकर खरीदारी करी। उन्होंने बताया कि शहर में बीते चार दिनों में लगभग पिचहत्तर करोड़ रुपये का कारोबार हुआ। दिवाली के बाद शुक्रवार को शहर में व्यापारिक अवकाश रहा और लोगों ने घरों में रहकर थकान दूर करी।