

भोंपूराम खबरी। नैनीझील में इन दिनों कछुवे (Tortoise) दिखने से पर्यटक और स्थानीय लोग उत्साहित हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये कछुवे ठंड के मौसम में जिंदा नहीं रह पाएंगे। उन्होंने इन कछुवों को वन विभाग के सहयोग से निकालकर, इनके मूल स्थान पर भेजने का प्रस्ताव दिया है।

नैनीझील में कछुवों का शुरू से ही अस्तित्व नहीं रहा है। पहली बार कछुवे इन दिनों ठंडी सड़क क्षेत्र में कभी तीन तो कभी ज्यादा की संख्या में दिख रहे हैं। बरसात से भरी झील में ये कछुवे अकसर वहां पड़े पेड़ो की टहनीयों में बैठे दिखाई देते हैं।
नैनीताल आए पर्यटकों का कहना है कि वे कई बार सैर सपाटे के लिए यहां आ चुके है, लेकिन उन्होंने झील में कछुवे पहली बार देखे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि वे वर्षों से नैनीताल में रह रहे हैं लेकिन उन्होंने आज तक झील में कछुए नहीं देखे।
कछुए दुनिया की कई नदियों, पोखरों, झीलों और समुद्र में पाए जाते हैं। पहाड़ों का ठंडा मौसम रैप्टाइल प्रजाति के एक जानवरों के लिए प्रतिकूल माना जाता है और ये यहां पम्बे समय तक सर्वाइव नहीं कर पाते। जीव विज्ञान एक्सपर्ट भी इन्हें यहां से इनके प्रतिकूल वातावरण में भेजने की बात कर रहे हैं।