भोंपूराम खबरी, रुद्रपुर। नगर के भाजपा नेता केके दास रुद्रपुर मंडी समिति का अध्यक्ष बनते ही यकायक गरीबी रेखा से ऊपर आ गए हैं। जी हाँ, यह कहानी हम नहीं बल्कि बल्कि उनकी ओर से जिला पूर्ति कार्यालय में बदलवाया गया राशन कार्ड बयान कर रहा है।
दरअसल भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व नगर अध्यक्ष केके दास ने 13 अक्टूबर को अपना राशन कार्ड बीपीएल (बिलो पावर्टी लाइन/ गरीबी रेखा से नीचे) से हटाकर एपीएल (अबव पावर्टी लाइन/ गरीबी रेखा से ऊपर) में परिवर्तित करा लिया। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि एपीएल कार्ड उन्हीं लोगों का बन सकता है जिनके परिवार की वार्षिक आय पांच लाख रुपये से कम हो। ऐसे में जिला पूर्ति कार्यालय भी असमंजस की स्थिति में है। सूत्रों के अनुसार केके दास के परिवार की वार्षिक आय इस सीमा से कहीं अधिक है। ऐसे में बड़ा सवाल यह भी है कि क्या वह अब अपना एपीएल कार्ड भी निरस्त कराएंगे।
केके दास बंगाली समुदाय के नेता माने जाते हैं। चुनाव से ठीक पहले बंगाली बोट की लालसा में भाजपा ने उन्हें लंबे समय से रिक्त चल रहे हैं रुद्रपुर मंडी समिति के अध्यक्ष पद पर बैठा दिया। इससे पहले केके दास बीपीएल कार्ड पर ही लगातार राशन ले रहे थे। ऐसे में जबकि उनके पास अपना मकान, उनके परिवार में आय के साधन और कुछ दुकानें भी बताई जाती हैं। मामला चर्चा में आया तो केके दास ने 13 अक्टूबर को अपना राशन कार्ड बीपीएल एपीएल में दर्ज करा दिया, लेकिन बात यही खत्म नहीं होती, केके दास और उनके परिवार की वार्षिक आय पांच लाख रुपये से कहीं अधिक है। ऐसे में जिला पूर्ति कार्यालय भी असमंजस की स्थिति में है। इस संबंध में जिला पूर्ति अधिकारी तेजपाल सिंह का कहना था कि केके दास का राशन कार्ड 13 अक्टूबर को ही बीपीएल से एपीएल में दर्ज हो चुका है। उन्होंने एपीएल कार्ड के मानक भी बताएं। अब सवाल यह भी उठता है कि क्या केके दास अपने एपीएल कार्ड को भी निरस्त कराएंगे। इसके पीछे वजह पार्टी से भी जुड़ी है। जीरो टॉलरेंस का दावा करने वाली पार्टी के नेताओं के इस तरह के आचरण पर सवाल उठना लाजमी है।