भोंपूराम खबरी, रुद्रपुर। बाढ़ के बाद जलस्तर नीचे आने से जहां एक तरफ लोगों को राहत मिली है वहीं दूसरी तरफ लोगों में बीमारियों का खतरा भी मंडराने है। जिसमें उचाई पर बने इलाकों में भले ही किसी ख़ास किस्म की समस्या न हो लेकिन निचले इलाकों में जलस्तर कम होने के बाद कई तरह की बिमारियों के फैलने के आसार बढ़ रहे है, जिसमे डायरिया, चिकनगुनिया, डेंगू , टायफाइड, गैस्ट्रोइंट्रोटाइटिस, मलेरिया, नेत्र और चर्मरोग जैसी बीमारियां शामिल है।
कोरोना के बाद शहर के निचले इलाकों में बाढ़ से आई तबाही के चलते आर्थिक नुकसान के साथ स्वास्थ्य क्षति की संभावना भी बढ़ने लगी है। बता दे कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में काफी फसल नष्ट हो गई है। पशुओं के चारे का संकट भी पैदा हो गया है। डॉ गौरव अग्रवाल के मुताबिक बाढ़ के दौरान गंदे पानी में बैक्टीरिया पैदा होते हैं, जिस कारण लोगों को कई प्रकार के त्वचा रोग भी हो जाते हैं. पानी को उबालकर पीना चाहिए. साथ ही शरीर में आवश्यक खनिज आपूर्ति के लिए नारियल पानी या स्वच्छ पानी का उपयोग भी कर सकते हैं. बाढ़ के कई इलाकों में लोग पीने के पानी के लिए भूजल पर निर्भर होते हैं, जिसके चलते जीवाणु संक्रमण से छुटकारा पाने के लिए पानी में क्लोरीन भी मिलाया जा सकता है।