
भोंपूराम खबरी। उत्तराखंड पुलिस के पुलिसकर्मियों ने एक बार फिर अपने कर्मों और कार्यवाही से शर्मसार किया है। मामला सूबे के जनपद ऊधम सिंह नगर जुड़ा है। जहाँ पहले मित्र पुलिस के एक इंस्पेक्टर पर अपनी ही पत्नी और बच्चों के उत्पीड़न के आरोप है। तो वही इसी मामले में जनपद के पुलिस मुखिया पर भी गंभीर आरोप लगे है। इन आरोपों से जहां एक और मानवता शर्मसार हुई है तो वही मित्र पुलिस की कार्यप्रणाली से ऊधम सिंह नगर पुलिस की छवि भी फिर एक बार धूमिल हुई है

दअरसल उत्तराखंड में पुलिस अधिकारियों के द्वारा महिलाओं पर किए जा रहे उत्पीड़न रुकने का नाम नहीं ले रहे है। एक ऐसा ही मामला रुद्रपुर से सामने आया है जहां एसएसपी के पेशकार रहे इंस्पेक्टर पर अपनी पत्नी को पहले खुद पीटने और फिर बाहरी गुंडों को घर में बुलाकर पिटवाने के आरोप लगे है। हद तो तब हो गई जब पीड़िता के पिता ने सिड़कुल चौकी में तहरीर दी और पुलिस ने दबंगों पर कोई कार्रवाही नहीं की जिसके बाद पीढ़िता एफआईआर दर्ज न होने पर न्याय मांगने एसएसपी के पास गई तो एसएसपी साहब ने पारिवारिक मामला कहकर पल्ला झाड़ लिया।
मामले में वैजयंती देवी के अनुसार उनकी दो बेटियाँ है। पहली बेटी की उम्र 7 वर्ष है और दूसरी बेटी ढाई साल की है। वैजयंती देवी का आरोप है कि जब से दूसरी बेटी का जन्म हुआ है तब से लड़की पैदा होने के ताने देकर उनको परेशान किया जा रहा है और आए दिन उनके साथ मारपीट की जा रही है। वैजयंती देवी के अनुसार उनके पति इंस्पेक्टर अशोक कुमार सिंह ने मंगलवार को शाम 6 बजे रुद्रपुर के दबंगो से भी उनके घर पर जानलेवा हमला करवाया। हमला करने वाले दबंगों में एक अनिल सिंह नाम का व्यक्ति है और दूसरा दारा सिंह है। दोनों पर कई केस दर्ज है और अनिल सिंह तो कुछ दिन पहले ही जेल से बाहर आया है। पीढ़िता के पिता हर्ष बहादुर चंद ने दबंगों पर कार्रवाही करने के लिए मंगलवार को सिड़कुल पुलिस चौकी में तहरीर सौंप दी थी लेकिन पुलिस ने जांच के नाम पर मामले को टाल दिया जिसके बाद वैजयंती देवी एसएसपी ऑफिस रुद्रपुर पहुंची और न्याय की गुहार लगाने लगी जिस पर एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने पारिवारिक मामला बताते हुए पल्ला झाड़ लिया।