
भोंपूराम खबरी,खटीमा। इंडियन आर्मी में लेफ्टिनेंट बनने के बाद पहली बार छुट्टी पर गांव पहुंची सोनी भंडारी का ससुराल में जोरदार स्वागत किया गया। शादी के मात्र 34 दिन बाद पति को खोने वाली सोनी को सेना की वर्दी में देख गांववासियों की आंखें खुशी से नम हो गईं।

हल्द्वानी निवासी सोनी भंडारी का विवाह दो वर्ष पूर्व भूड़ाकिशनी, खटीमा निवासी 18 कुमाऊं रेजीमेंट के जवान नीरज भंडारी से हुआ था। लेकिन विवाह के 34 दिन बाद ही नीरज का सड़क दुर्घटना में निधन हो गया। पति की असमय मृत्यु के बाद सोनी ने अपने दुख को ताकत में बदला और पति के सपने को पूरा करने के लिए सेना में भर्ती होने का संकल्प लिया। कठोर परिश्रम और समर्पण के साथ उन्होंने ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (OTA) चेन्नई में ट्रेनिंग पूरी की और लेफ्टिनेंट बनीं।
मंगलवार को सोनी अपने पिता सूबेदार कुंदन सिंह बिष्ट और माता के साथ भूड़ाकिशनी पहुंचीं। गांव में उनके आगमन पर ढोल-नगाड़ों, छोलिया नृत्य और फूल-मालाओं से भव्य स्वागत किया गया। सास रामा देवी और ससुर गोविंद सिंह अपनी बहू की उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहे थे।
इस अवसर पर पूर्व सैनिक संगठन के अध्यक्ष कैप्टन गंभीर सिंह धामी, आनंद सिंह सामंत, धन सिंह सामंत, नारायण सिंह सौन, हिरेंद्र भट्ट, खड़क चंद, प्रकाश, दीवान कन्याल, शमशेर सिंह सहित कई पूर्व सैनिक और ग्रामवासी उपस्थित रहे।
सोनी भंडारी की यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणादायक है। उनके संघर्ष और जज्बे ने यह साबित कर दिया कि सच्ची लगन और मेहनत से हर लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।