भोंपूराम खबरी। दिल्ली के महिपालपुर में पकड़ी गई लगभग छह हजार करोड़ रुपये की कोकेन तस्करी के सिंडिकेट का दायरा बढ़ता जा रहा है। इस नेटवर्क की पड़ताल के बाद दिल्ली पुलिस और गुजरात पुलिस ने संयुक्त अभियान में गुजरात के अंकलेश्वर से 518 किलोग्राम कोकेन बरामद किया है।
बाजार में इसकी कीमत पांच हजार करोड़ रुपये बताई जा रही है। एक पखवाड़े के भीतर ड्रग्स की यह तीसरी बड़ी बरामदगी है। इससे पहले पुलिस एक अक्टूबर को महिपालपुर से 562 किलोग्राम और पिछले हफ्ते इसी सिंडिकेट के दिल्ली के रमेश नगर स्थित ठिकाने से 208 किलोग्राम कोकेन बरामद कर चुकी है।
अब तक 13 हजार से ज्यादा करोड़ की ड्रग्स बरामद
इसके साथ ही महिपालपुर से 10 किलोग्राम हाइड्रोपोनिक मारिजुआना भी बरामद की गई थी। इस तरह इस सिंडिकेट से अब तक 1,289 किलोग्राम कोकेन बरामद की जा चुकी है। इस सिंडिकेट से बरामद कुल ड्रग्स की अंतरराष्ट्रीय कीमत 13 हजार करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है, जो अब तक की सबसे बड़ी बरामदगी मानी जा रही है।
सिंडिकेट से जुड़े सात आरोपी अबतक गिरफ्तार
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस सिंडिकेट से जुड़े सात आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इन आरोपियों से पूछताछ के बाद पता चला कि दिल्ली में बरामद कोकेन फार्मा सॉल्यूशन सर्विसेज नाम की कंपनी का था और यह गुजरात के अंकलेश्वर की अवकार ड्रग्स लिमिटेड कंपनी से आया था।
सिंडिकेट से जुड़ी कड़ियों की जांच
दिल्ली पुलिस और गुजरात पुलिस ने अवकार ड्रग्स लिमिटेड के ठिकानों पर छापा मारा, जहां पांच हजार करोड़ रुपये मूल्य की 518 किलोग्राम कोकेन बरामद की गई है। उन्होंने कहा कि इस सिंडिकेट से जुड़ी कडि़यों की बारीकी से जांच की रही है।
और बरामद हो सकती है कोकेन
आने वाले दिनों में कोकेन की और खेप बरामद हो सकती है। गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, एक अक्टूबर को तुषार गोयल के महिपालपुर स्थित गोदाम से ड्रग्स की बड़ी मात्रा में बरामदगी के तार इतने दूर तक फैले होने का अनुमान नहीं था। लेकिन बरामद ड्रग्स की सप्लाई की कडि़यां जोड़ने के दौरान सिंडिकेट के नेटवर्क से पर्दा उठता गया।
दुबई में रहता है सरगना
दिल्ली पुलिस ने बताया कि इस सिंडिकेट का सरगना वीरेंद्र बरोया है, जो दुबई में रहकर भारत, नेपाल समेत कई देशों में ड्रग्स की तस्करी का नेटवर्क चलाता है। इसके साथ ही इस सिंडिकेट के तार संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, नेपाल और ब्रिटेन से लेकर दक्षिणी अमेरिकी देशों तक फैले होने के सुबूत मिल रहे हैं।