भोंपूराम खबरी, रुद्रपुर। केन्द्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलनरत किसानों का कहना है कि सरकार द्वारा किसानों को छलने का प्रयास किया जा रहा है। इस समय फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाना भी छलावा मात्र है। जब किसानों की फसल एमएसपी पर बिकने की कोई गारंटी ही नहीं है तो एमएसपी बढ़ाना औचित्यहीन हो जाता है। किसान अब सरकार के झांसे में आने वाले नहीं है तीनों काले क़ानूनों को रद्द कराए बिना किसान घर वापसी नहीं करेंगे।
इस दौरान मोर्चा के वरिष्ठ किसान नेता राकेश टिकैत व प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा ने गाजीपुर बॉर्डर पर तेज आंधी से धराशायी हुए मंच और मंच के शेड का निर्माण कार्य का जायजा लिया। बाजवा ने बताया कि मैकेनिक रात दिन कार्य में डटे हुए हैं।
राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार के साथ अब लंबी लड़ाई की सम्भावना को देखते हुए मंच को बेहद मजबूती से बनाया जा रहा है। आगामी मानसून के मद्देनजर पूरा पंडाल टीन शेड से वाटरप्रूफ बनाया जा रहा है। मंच के साथ-साथ आंदोलन स्थल की अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लेते हुए उन्होंने कहा कि किसान अब आर पार की लड़ाई लड़ने का मन बना चुके हैं।