रूद्रपुर। बर्ड फ्लू को देखते हुए राज्य में अलर्ट घोषित कर दिया गया है। जिसके चलते पोल्ट्री फार्मर भी इस वजह से भयभीत है। पोल्ट्री फार्मर इससे अपने मुर्गियों को बचाने के लिए हर संभव प्रयास करने में लगे है। इसके रोकथाम और बचाव को लेकर पंतनगर विश्वविद्यालय के शैक्षणिक कुक्कुट फार्म के प्रभारी डा. राजीव रंजन ने भोपुराम न्यूज़ को बताया कि बर्ड फ्लू को लेकर पोल्ट्री फार्मर्स को घबराने की आवश्यकता नहीं है। अपने फार्म पर पोल्ट्री फार्मर उचित प्रबंधन कर इससे बचाव कर सकते है। साथ ही रोग के फैलाव को भी नियंत्रित कर सकते है। उन्होने बताया कि बर्ड फ्लू अधिकतर माईग्रेड पक्षियों से होता है। जैसे कि संक्रमित कौवे या बगुले पोल्ट्री फार्म पर आ जाते है या फिर वहां बीट कर देते है। तो उससे संक्रमण फैल जाता है। ऐसे में इन माइग्रेड पक्षियों को पोल्ट्री फार्म के अंदर आने और पेड़ो पर बैठने से रोकना होगा। संभव हो तो मुर्गियो को बाड़े के अंदर ही रखे। साथ ही इसके बचाव के लिए पोल्ट्री फार्म पर आने-जाने वाले बाहरी व्यक्तियों को पूर्णतया प्रतिबंध कर दे। उनके जूतों या कपड़ों से वायरस पोल्ट्री फार्म में आ सकता है।
रूद्रपुर। डा. राजीव रंजन ने बताया कि पोल्ट्री फार्म पर मुर्गियों को स्वच्छ दाना पानी दे। साथ ही नियमित साफ-सफाई का भी ख्याल रखे। उन्होने बताया कि खुले पानी को बिल्कुल भी न दे। मुर्गियो को स्वच्छ और प्यूरिफाई पानी ही दे। उनको खुले में दाना-पानी न दे। मुर्गियो को रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए विटामिन और मिनरल्स युक्त पोषण दे।
पोल्ट्री फार्म में पक्षियों को दें रोग प्रतिरोधक दवाई
रूद्रपुर। डा. रंजन ने बताया कि पोल्ट्री फार्म में मुगिर्या को सप्ताह में दो दिन एन्टी वायरस युक्त दवाई का छिड़काव करे। साथ ही मुर्गियो को रोगप्रतिरोधक, विटामिन की दवाई भी नियमित तौर पर दे।
संक्रमित मुर्गी को तुरंत अलग करे
रूद्रपुर। डा. रंजन ने बताया कि पोल्ट्री फार्म में किसी मुर्गी या मुर्गे के अंदर कमजोरी, सुस्ती या दस्त होन पर उसको तुरंत बाकी मुर्गियो से अलग कर दे। साथ ही बाकी पक्षियो को भी वहां से हटाकर किसी अन्य सुरक्षित जगह पर ले जाए। और संक्रमित स्थान पर एन्टी वायरस युक्त दवाई का इस्तेमाल करें। ज्यादा दिक्कत होने पर पशु चिकित्सक से संपर्क करे।