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Monday, December 23, 2024

अंतराष्ट्रीय मजदूर महिला दिवस पर अंबेडकर पार्क में किया गया सभा का आयोजन

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भोंपूराम ख़बरी,रूद्रपुर। अंतरराष्ट्रीय मजदूर महिला दिवस के अवसर पर इंटरार्क मजदूर संगठन पंतनगर व किच्छा के आह्वान पर शहर के अम्बेडकर पार्क मे एक सभा की गई । सभा मे इन्टरार्क मजदूर संगठन के दोनों प्लांट के मजदूरों के साथ साथ उनके परिवार की महिलाओं और बच्चों , सिडकुल की अन्य यूनियनों के मजदूरों, मजदूर संगठनों , महिला संगठन, समाजिक संगठनों के लोगों ने भागीदारी की।
सभा मे प्रगतिशील महिला एकता केन्द्र की वंदना ने महिला दिवस के इतिहास के बारे मे बात रखते हुए कहा कि आज से 112 साल पहले डेनमार्क के कोपेनहेगन शहर मे विश्व भर की समाजवाद के लिए संघर्षरत महिलाओं ने सम्मेलन कर 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय मजदूर महिला दिवस मनाने की घोषणा की थी। तब से पूरी दुनिया के मजदूर मेहनतकश महिलाएं अपनी मुक्ति की आंकाक्षा रखते हुए प्रतिवर्ष 8 मार्च को शोषण उत्पीड़न के खिलाफ सड़कों पर उतर भेदभाव के खिलाफ समानता की मांग करती हैं। दुनिया भर की तमाम क्रांतियों मे महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। हमारे देश की आजादी की लडाई से लेकर कुछ समय पूर्व चले सी.ए. , एन. आर. सी. व किसान आन्दोलन तक मे महिल़ाओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। खुद इन्टरार्क मजदूर संगठन द्बारा 2018 से प्रबंधन के खिलाफ संघर्ष में मजदूरों के परिवार की महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण रही है।
वक्ताओं ने कहा कि आज के पूंजीवादी व्यवस्था में महिला को उपभोग की वस्तु के रूप में प्रस्तुत किया गया है। पहले से रुढिवादी पित्रसत्तात्मक सामन्ती मूल्यों के चलते उत्पीड़न झेलती महिला के शोषण उत्पीड़न को इस पूंजीवादी व्यवस्था ने और बढा दिया है।
एक महिला को पैदा होने के लिए भी इस पुरूषवादी समाज से इजाजत लेनी पड़ती। हर वर्ष लाखों बच्चियां कोख मे ही मार दी जाती है।पैदा होने के बाद भी आज छोटी छोटी उम्र से लेकर वृद्ध महिला तक बलात्कार की शिकार होती हैं। दहेजप्रथा की भेंट चढ़ती हैं महिलाएं।
वक्ताओं ने कहा कि पूरे दुनिया मे आधी आबादी महिलाओं की है। और उसमें से सबसे बड़ा हिस्सा मेहनतकश मजदूर महिलाओं का है उसके बाबजूद महिलाओं का शोषण उत्पीड़न बढ़ता जा रहा है क्योंकि यह व्यवस्था पूंजी वालों की व्यवस्था है। पूंजी द्बारा मजदूरों के खून की आखिरी बूंद निचोडकर अपनी तिजोरी भरने का काम किया जा रहा है। देश की सभी पूंजीवादी राजनीतिक पार्टियां पूंजीपतियों के हितों के अनुरूप नीतियां बना रही हैं। मजदूरों व मेहनतकश जनता के खिलाफ काम कर रही हैं। सरकार के पूंजीपतियों के पक्ष मे काम करने का सबसे ज्यादा शिकार महिला होती है। हमको इनके खिलाफ भी लडाई लडनी होगी।
इन्टरार्क मजदूर संगठन पंतनगर के अध्यक्ष दलजीत सिंह ने सभी महिलाओं का आभार जताते हुए कहा कि हमारे संगठन के प्रबंधन से संघर्ष मे हमारी परिवार की महिलाओं का हमेशा साथ मिला है और आगे के संघर्ष में भी हमारे परिवार की महिलाएं कंधे से कंधे मिलाकर साथ रहेंगी।
सभा मे इन्टरार्क मजदूर संगठन पंतनगर, इन्टरार्क मजदूर संगठन किच्छा, गुजरात अंबुजा कर्मकार यूनियन सितारगंज, बजाज कर्मकार यूनियन, इंकलाबी मजदूर केन्द्र, प्रगतिशील महिला एकता केन्द्र, समता सैनिक दल, व समाजिक कार्यकत्ताओं ने भागीदारी की। इस दौरान सूशीला देवी, जरीना बेगम, वंदना, ललिता, सोनी, राधिका, अल्पना शर्मा, नीलम वर्मा, कल्पना, संगीता पटेल, रानी, लज्जावती, ओमवती, हिमानी, शोभा रानी, दलजीत सिंह, लक्ष्मण सिंह, ललित मोहन, रामजीत सिंह, चंदन मेवाड़ी, गोपाल गौतम, सुब्रत विश्वास , दिनेश चन्द्र, रामेश्वर पटेल, पान मौहम्मद, हृदेश कुमार, संजय आदि ने भागीदारी की।

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