Tuesday, December 23, 2025

दादा की मौत के 27 साल बाद पोते को मिले बैंक में जमा छह लाख, खाते की नहीं थी भनक

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भोंपूराम खबरी। एक युवक को दादा की मौत के 27 साल बाद बैंक ने उनके खाते में पड़े छह लाख रुपये लौटाए हैं। आप की पूंजी, आप का अधिकार’ स्लोगन से सरकार की निष्क्रिय खातों के वारिसों को रकम लौटाने की मुहिम जरूरतमंदों के लिए बड़ी राहत साबित हो रही है। शुक्रवार को आईआरडीटी सभागार में नथुवावाला देहरादून निवासी देवेंद्र कुमार को उनके दादा की मौत के 27 साल बाद छह लाख रुपये दिए गए। बड़ी बात ये है कि देवेंद्र को इस बैंक खाते के बारे में जानकारी ही नहीं थी। देवेंद्र के मुताबिक दादा का निधन 1998 हो गया था। मौत से पहले उनका एसबीआई में खाता था, परिजनों को इसकी जानकारी नहीं थी। कुछ दिन पहले उनके घर पर बैंक कर्मचारी आए थे, उन्होंने सत्यापन के बाद संबंधित बैंक खाते का जिक्र किया। उनसे दादा की मृत्यु प्रमाण पत्र सहित अन्य दस्तावेज मांगे। शुक्रवार को बैंक ने उन्हें छह लाख का चेक दे दिया। देवेंद्र ने बताया कि यह उनके दादा का आशीर्वाद है। इस रकम को वो बच्चों की पढ़ाई में लगाएंगे। देवेंद्र ने बताया कि वह एक निजी कंपनी में काम करते हैं। अब दादा की पूंजी से वह अपने बच्चों का भविष्य बेहतर बनाएंगे।

शिवानी को मिले पांच लाख रुपये

आप की पूंजी, आप का अधिकार अभियान के तहत देहरादून निवासी शिवानी अरोड़ा को 17 साल बाद पांच लाख रुपये मिले हैं। चाचा ने साल 2000 में शिवानी को बैंक में नॉमिनी बनाया था। उनके चाचा की मौत साल 2008 में हो गई थी। शिवानी के मुताबिक इस बारे में परिवारवालों को कोई जानकारी नहीं थी। लेकिन एक बैंक कर्मचारी उनके घर के पास में रहता था, जो उनके चाचा और उन्हें पहचानता था। कुछ दिन पहले बैंक कर्मचारी ने उनसे चाचा के बारे में पूछताछ की और उन्हें उनके खाते के बारे में बताया। सत्यापन के बाद पता चला खाते में पांच लाख रुपये जमा हैं। यह रकम शुक्रवार को शिवानी को मिल गई। रकम पाकर वो बेहद खुश हैं।

बैंकों ने लौटाए 10.27 करोड़

देहरादून के बैकों में रुपये जमा कर भूले लोगों को आरबीआई के अभियान के तहत 10.27 करोड़ रुपये लौटा दिए गए हैं। देहरादून में अभी भी करीब पांच लाख निष्क्रिय खातों में 200 करोड़ रुपये जमा हैं। राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी और जिला अग्रणी बैंक की ओर से गुरुवार को सर्वे चौक स्थित आईआरडीटी सभागार में आपकी पूंजी आपका अधिकार विषय पर जन जागरूकता शिविर लगाया गया। सीडीओ अभिनव शाह ने 10 लोगों को चेक वितरित किए। वक्ताओं ने कहा कि कई बार लोग पुराने बैंक खातों से रुपये निकालना भूल जाते हैं। खाताधारक की मौत के बाद वारिसों को बैंक में जमा राशि का पता नहीं होता है। आरबीआई अब ऐसे खाताधारकों की तलाश कर रहा है। ऐसे खातों की रकम आरबीआई के विशिष्ट फंड में भेजी गई थी। अभी तक 10.27 करोड़ रुपये बैंक उनके वास्तविक स्वामी या दावाकर्ताओं को लौटा चुके हैं

 

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