भोंपूराम खबरी,रुद्रपुर। 55 दिन बीत जाने के बाद भी एचपी मजदूर संघ की समस्या का निस्तारण प्रबंधन के द्वारा नहीं किये जाने पर उपश्रमायुक्त कार्यालय में त्रिपक्षीय वार्ता का प्रबंध किया गया। वार्ता से प्रबंधन के नदारद होने से मजदूर संघ में रोष देखा गया। संघ के मुताबिक प्रबंधन द्वारा ही त्रिपक्षीय वार्ता के लिए एक अतिरिक्त तिथि मांगी गई थी। बता दे कि प्रबंधन के मुताबिक रुद्रपुर सिडकुल से एचपी कंपनी को किया जा रहा है।
संघ के महामंत्री भवान सिंह ने बताया कि एक वर्ष पूर्व एचपी कंपनी में 472 लोग काम करते थे। सिंह के मुताबिक कंपनी ने कोरोना काल के दौरान करीब 300 लोगों की छटनी कर दी। उन्होंने बताया कि किसी संघ से न जुड़े होने के कारण एक-एक करके कर्मचारियों को निकाल दिया गया। सिंह ने बताया कि सितंबर माह में कंपनी से अचानक से शेष 183 कर्मचारियों को निकलने की जानकारी सभी को ईमेल द्वारा भेज दी। उन्होंने बताया कि कंपनी के फैसले से और बाजार में पड़ी कोरोना की मार के चलते कमर्चारियों के सामने रोजगार का संकट गहरा गया है। उन्होंने बताया कि एचपी कंपनी ने अक्टूबर माह के अंत तक काम कराने के बाद मुआवजे के तौर पर कर्मचारियों को एक वर्ष तक वेतन दिए जाने की बात कही है। इसमें अध्यक्ष विनीत कुमार कपिल, उपाध्यक्ष गंगा सिंह, महामंत्री भवान सिंह विनोद कुमार, संजय कुमार, मनोज कुमार मथुरा, सचिन कुमार, चंदन गिरी, मनदीप सिंह रावत, अमित कुमार शर्मा, सुरेश राम, सुखदेव दास, प्रेम सिंह, हरेंद्र सिंह बिष्ट, दिलीप मजूमदार, दिनेश चंद्र, महेश चंद्र, पालरिया जोगराज, पूजा, प्रीति , रूबी सक्सेना, रेखा, रीता, संजय श्रीवास्तव, योगेश रावत और धर्मेंद्र मेहता आदि शामिल रहे।