भोंपूराम खबरी,रुद्रपुर। जु–जित्सु खेल को भारत सरकार के युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय द्वारा मान्यता मिलने पर उत्तराखंड के तमाम खिलाड़ियों में खुशी की लहर है। जु–जित्सु एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अथक प्रयासों के बाद जु–जित्सु मार्शल आर्ट को मान्यता मिल गई है। जानकारी देते हुए एसोसिएशन ऑफ इंडिया के महासचिव रेंसी विनय कुमार जोशी ने बताया कि मान्यता मिलने से अब इस खेल के खिलाड़ी भी भारत एवं राज्य खेल विभागों के द्वारा मिलने वाली आर्थिक सहायता एवं विभिन्न खेल कोटे के अंतर्गत निकलने वाली सरकारी नौकरियों का लाभ ले सकेंगे। जु जित्सु को जुडो, कराटे, एकीड़ो खेलो की जननी भी कहा जाता है। जुजित्सु खेल को अट्ठारहवें एशियाई खेल में भी शामिल किया गया ।
उक्त अवसर पर जु-जित्सु एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष सेंसेई सुरेश गोपी, सेंसेई अमित अरोरा, जु–जित्सु एसोसिएशन ऑफ़ उधम सिंह नगर के चेयरमैन डॉ नागेंद्र शर्मा, अध्यक्ष भारत भूषण चुघ, महासचिव ऋषि पाल भारती, कोषाध्यक्ष किशोर सिंह, उपाध्यक्ष जॉनी हिराम, शोभा टिग्गा, कैनेथ लाल, शिव चरण, हिमा भट्ट, कृष्ण आनंद, मिंटू सैनी, वसीम, शेखर चौधरी, शंकर सिंह बसेड़ा, जु-जित्सु एसोसिएशन ऑफ नैनीताल के अध्यक्ष देवेंद्र रावत, महासचिव विनोद लखेरा, उपाध्यक्ष हिमांशु कुलेठा, रोहित, गंगा मेहरा, कंचन, जय चौहान, कमल सिंह, क्षितिज सिंह, बलविंदर, कताक्षा कौर, आकृति कौर, अमन, शमशाद, रुनू शर्मा, शेखर सक्सेना सहित सभी ने शुभकामनाएं प्रेषित की।