भोंपूराम खबरी, रुद्रपुर। उत्तराखंड कांग्रेस सोशल मीडिया विभाग के पूर्व प्रदेश सचिव रामकृष्ण सैनी ने उत्तराखंड सरकार के नए फैसले 9वी से 12वी के स्कूलों को दो अगस्त से एवं 6 से 8 वी के कक्षाओं को 16 अगस्त से शुरू करने के फैसले को बच्चों के जीवन के साथ लापरवाही करना बताएं है। रामकृष्ण सैनी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार, महाराष्ट्र सरकार द्वारा दोहराई गई गलतियों को दोबारा दोहराने का प्रयास कर रही है महाराष्ट्र सरकार द्वारा स्कूल खोले जाने पर पहले ही दिन 600 बच्चे संक्रमित पाए गए है अब इन गलतियों को उत्तराखंड सरकार दोबारा दोहराने का काम कर रही है सैनी ने कहा कि कोरोना की पहली लहर के बाद पिछले साल नवंबर में कुछ दिनों के लिए कुछ कक्षाओं को खोला गया था। तब कक्षाओं में बच्चों की संख्या सीमित थी। अब फिर स्कूल खोलने की तैयारी है। सरकार का यह फैसला निजी स्कूल संचालकों को राहत के उद्देश्य से लिया गया फैसला प्रतीत होता है। सैनी ने कहा कि सरकार ने एक तरफ कोरोना की तीसरी लहर के डर के चलते कावड़ यात्रा तक बंद कर दी गई है और वही पर पर्यटको को भी राज्य में नहीं आने दिया जा रहा है। वहीं चार धाम यात्रा को भी हाईकोर्ट के आदेश के बाद स्थगित किया जा चुका है। देश में कोरोना के मरीजों की संख्या भी एक बार फिर बढ़ती हुई नजर आ रही है जहां कोरोना के हर रोज के मामले भी 40 हजार से भी अधिक आ रहे हैं जिससे कोरोना की तीसरी लहर का डर भी बना हुआ है। वहीं तीसरी लहर का बच्चों पर ज्यादा असर की खबरें भी काफी लंबे समय से मीडिया में सुर्खियां बनी हुई थी फिर ऐसे में बच्चों की जान खतरे में क्यों डाली जा रही है। लॉकडॉन हटने के बाद लोगों द्वारा मास्क पहनने, सामाजिक दूरी का पालन करने आदि नियमों की अनदेखी की जा रही है। वहीं बाजारों में भी अक्सर भीड़ लगी रहती है। जब इन वयस्क लोगों द्वारा कोरोना से बचाव के लिए नियमों का पालन नहीं किया जा रहा तो बच्चों से यह कैसे अपेक्षा की जा सकती है कि वह कोरोना से बचाव के लिए नियमों का पूर्णता: पालन करेंगे ऐसी स्थिति में सरकार को चाहिए कि पहले वह बच्चों के लिए वैक्सीन की व्यवस्था करें और इसके उपरांत स्कूल खोलने पर विचार – विमर्श करें।