

भोंपूराम खबरी। आपको एक ऐसा मामला बताने जा रहें हैं जिसे सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे और यह बात भी सच साबित होती की चाहे कुछ भी हो कानून की नजर से कोई नहीं बच सकता कभी न कभी किसी भी अपराधी को सजा तो मिलनी ही है, बता दें कि महाराष्ट्र के उदयगिरि में एक 78 साल के बुजुर्ग गणपति विट्ठल वागोर मंगलवार (12 सितंबर) को अपने घर में आराम फरमा रहे थे। तभी पड़ोसी राज्य कर्नाटक के बीदर जिले की पुलिस आई और उन्हें गिरफ्तार कर ले गई जुर्म था 50 साल पहले दो भैस और एक बछड़े की चोरी का।

बता दें की बात 1965 की है जब विट्ठल सिर्फ 20 साल के थे उन्होंने बीदर जिले के मेहाकर गांव में मुरलीधर माणिक राव कुलकर्णी के घर से दो भैंसे और एक बछड़ा चोरी किया था। इसमें उनके एक और साथी कृष्ण चंद्र भी सहयोगी थे जो उस समय 30 साल के थे, वह गिरफ्तारी से बच गए क्योंकि साल 2006 में उनकी मौत हो गई थी।
एक रिपोर्ट के मुताबिक बता दें की बीदर के एसपी चेन्नाबसवन्ना लंगोटी ने बताया है कि विट्ठल को पहले भी गिरफ्तार किया गया था लेकिन जमानत के बाद से वह फरार हो गए थे, इस वजह से अरेस्ट वारंट जारी था। उनकी उम्र को देखते हुए इस बार भी उन्हें आसानी से बेल मिल जाएगी, हालांकि इस बार पुलिस उन पर कड़ी नजर रखेगी। विट्ठल की गिरफ्तारी पुलिस के कोल्ड केस प्रोजेक्ट का हिस्सा है जिसे एलपीसी भी कहा जाता है यानी लॉन्ग पेंडिंग केस, करीब 6 दशक बाद की गई ये कार्रवाई पुलिस के सबसे पुराने एलपीसी में से एक है।
पुलिस के मुताबिक महाराष्ट्र और कर्नाटक के सीमावर्ती जिले अंतरराज्यीय अपराध के लिए कुख्यात रहे हैं, 50 से 70 के दशक में ऐसी कई चोरियां होती थीं, भैंसें और बछड़ों की चोरी के लिए 78 साल के इस बुजुर्ग की गिरफ्तारी फिलहाल सुर्खियों में बनी हुई है।