भोंपूराम खबरी, रुद्रपुर। सत्ताधारी पार्टी के विधायक के पत्र पर दरोगाओ और सिपाहियों के तबादले निरस्त हुए। जिसका संज्ञान डीजीपी ने लिया और जांच के निर्देश दिये थे। जिसके बाद आईजी कुमांऊ ने शनिवार देर शाम ऊधमसिंह नगर जिले के एसएसपी द्वारा जारी तबादलो की सूची को निरस्त कर दिया है। जिससे सत्ताधारी नेताओं के इशारे पर कार्य करने को लेकर पुलिस पर सवाल उठने शुरू हो गये है। विपक्ष ने इस बात को मुद्दा उठाना शुरू कर दिया था और आरोप लगाया था कि पुलिस विभाग सत्तारूढ़ पार्टी के दबाव में पुलिस कर्मियों की पोस्टिंग कर रहा है।
दरअसल सोशल मीडिया पर सत्तारूढ़ दल के ऊधमसिंह नगर जिले से नानकमत्ता क्षेत्र से भाजपा विधायक का एक तथाकथित पत्र वायरल हुआ था। जिसमें वह जिले के एसएसपी से कुछ उप निरीक्षक व कांस्टेबल के तबादले उनकी मनचाही जगह पर करने की सिफारिश कर रहे है। पत्र में 7 जून की तारीख अंकित की गई है। जिसके दो दिन बाद ही जिले के पुलिस विभाग से पुलिस कर्मियों की स्थानांतरण लिस्ट जारी होती है। इसमें इस पत्र में शामिल नामों को कहे अनुसार ही पोस्टिंग दी जाती है। जिसकी वजह से यह पत्र काफी चर्चा में शामिल हो गया। इस पत्र के वायरल होने से विपक्ष के लोगो ने सवाल खड़े करना शुरू कर दिया। उनका कहना था कि सत्ताधारी पार्टी के विधायक की सिफारिश पर पुलिस विभाग तबादला कर रहा है। जोकि नियमों के विरुद्ध है। साथ ही पुलिस विभाग पर सत्ताधारी पार्टी के नेताओ की दबाव में कार्य करने का आरोप भी लगा।
जिसका संज्ञान डीजीपी अशोक कुमार ने भी लिया और इस मामले पर नाराजगी जाहिर करते हुए मामले में जांच के आदेश आईजी कुमांऊ को दिये। जिसकी जांच के बाद आईजी कुमांऊ ने दरोगाओ और सिपाहियों की जारी लिस्ट को निरस्त कर दिया गया है।
—वही इस मामले में एसएसपी दलीप सिंह कुंवर का कहना था कि स्थानांतरण सूची मेरिट के आधार पर जारी की गई है। पत्र विधायक जी ने जनप्रतिनिधि होने के नाते लिखा होगा। जिसका तबादले सिफारिश के आधार पर करने से कोई संबंध नहीं है। फिलहाल सूची आईजी कुमांऊ ने निरस्त कर दी है।
कांग्रेस के कार्यकारी जिलाध्यक्ष हिमांशु गाबा ने कहा कि इस तहर सत्ताधारी पार्टी के दबाव में पुलिस कर्मियों की पोस्टिंग होगी। तो लाॅ एण्ड आर्डर कैसे लागू होगा। हम इस तरह की गई पोस्टिंग की निंदा करते है।
विधायक द्वारा लिखे गये पत्र में तीन उपनिरीक्षक और कुल सात सिपाहियों के नाम शामिल है। जिसमें से तीन सिपाहियों के तबादलो में सशोधन करने को कहा गया है। विधायक के पत्र के बाद सिफारिश के आधार पर इन सब को तबादला कर पोस्टिग दी गई थी। वही बकायदा पत्र में सिपाहियों के नाम के आगे कानि. संख्या भी अंकित की गई है। पत्र वायरल होने के बाद पुलिस कर्मियों के संपर्क की जानकारी भी विभाग ने जुटानी शुरू कर दी है।