भोंपूराम खबरी, रुद्रपुर। आज दोपहर को अचानक ग्राम प्रीतनगर गोलियों की तड़ताड़हट से गूंज उठा। दिन दहाड़े हुए इस घटनाक्रम से गांव के लोग सहम गए। इस तरह जमीन के मामूली विवाद को लेकर चली गोली में दो लोगों की मौत का यह क्षेत्र का पहला मामला है। जिससे गांव के लोग भी सदमे में है।
लोगों का कहना है कि जमीन की मेड़ का विवाद आपस में यहां ग्राम प्रधान की मध्यस्थता से सुलझ सकता था। इस बात को लेकर एक ही घर के दो चिराग बुझा देना एक भयानक अपराध है। घटना के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग के लिए हंगामा काटना शुरू कर दिया। इस दौरान मृतकों के परिजन और अन्य पहचान के लोग भी मौके पर जुटने शुरू हो गये। लोगो का जमावड़ा लगने से गाँव में तनाव भी बढ़ने लगा। आक्रोशित लोग हत्यारोपियों का घर फूंकने पर आमादा थे। मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों और फ़ोर्स को लोगों को शांत करने में खासी मशक्कत करनी पड़ी।
दिन दहाड़े हुए डबल मर्डर केस से ग्रामीणों में रोष पनपने लगा और गुस्साए ग्रामीणों ने आरोपियों की दो घंटे में गिरफ्तारी का अल्टीमेटम पुलिस को दे दिया। जिसके बाद पुलिस के हाथ-पांव फूल गए।
मंगलवार को प्रीतनगर गांव में करीब 2.30 बजे गाँव के तीन लोगों ने दो सगे भाइयों गुरकीर्तन और गुरतेज सिंह को गोली मार दी। जिससे उनकी मौत हो गयी। इससे गुस्साए ग्रामीणों ने सड़क पर पड़े शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने से इनकार कर दिया और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करने लगे। इस दौरान मृतकों के परिजनों ने दो घंटे में आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग शुरू कर दी तथा दो घंटे में गिरफ्तारी नही होने पर आरोपियों के घर को आग के हवाले करने की चेतावनी भी दे दी। जिससे पुलिस के हाथ-पांव फूल गए। मामले की नजाकत को देखते हुए एसपी सिटी ममता वोहरा ने आसपास के थानों की फोर्स बुला ली। वही परिजनों को समझाने का प्रयास शुरू कर दिया। काफी मशक्कत के बाद वह परिजनों को समझाने में सफल रही और उन्होंने बिना वक्त गवाएं शव को एक गाड़ी में रखवा कर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। जिसके बाद वहाँ का गरमाता माहौल शांत हुआ और पुलिस ने राहत की सांस ली।
दो सगे भाइयों के हत्यारोपियों की गांव में अच्छी छवि नही है। उनका गाँव मे व्यवहार भी थोड़ा अकड़ वाला बताते है। वही मृतकों की छवि गाँव मे साफ सुथरी बताई जा रही है। दोनों मृतक भाइयों का किसी से कोई झगड़ा भी नहीं बताया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना था कि मिश्रा बंधुओं का सामाजिक आचरण अच्छा नहीं है। प्रत्येक व्यक्ति पर अपना रसूख जाहिर करना उनका शगल था। यहाँ तक कि वह गाँव के बुजुर्गों का भी सम्मान नहीं करते थे। इसके उलट सिंह बंधू काफी मृदुभाषी और सरल व्यक्तित्व के मालिक थे।