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Friday, October 4, 2024

भारत के रंग- एकल के संग सांस्कृतिक कार्यक्रम का हुआ आयोजन

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भोंपूराम खबरी,रूद्रपुर।  एकल अभियान के अंतर्गत एकल श्रीहरि वनवासी विकास ट्रस्ट के वनवासी कलाकारों द्वारा भारत के रंग एकल के संग सांस्कृतिक कार्यक्रम का गत दिवस भव्य आयोजन किया गया। जिसमे भारत के विभिन्न प्रांतों के सुदूर ग्रामीण तथा आदिवासी क्षेत्रों से आए हुए कलाकारों ने देश भक्ति गीतों के साथ नृत्य व अलग अलग कलाओं द्वारा सभागार में उपस्थित हजारों अतिथियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। दो घंटे के इस अनोखे आयोजन में देश भक्ति के साथ-साथ देव भक्ति का भी समावेश था।

पूरा कार्यक्रम जिस खूबसूरती के साथ प्रस्तुत किया गया मानों पूरे भारत को एक मंच पर समेटकर रख दिया हो। कलाकारों की प्रस्तुति और दर्शकों की जोश ने पूरे सभागार में देश भक्ति का माहोल बन गया था। कार्यक्रम की शुरुवात ॐ कार मंत्र के साथ हुई। उसके बाद कलाकारों ने गणेश वंदना, देश भक्ति गीतों की प्रस्तुति, विभिन्न प्रांतों की लोक गीतों पर नृत्य तथा अंत में बहुत ही सुंदर श्रीकृष्ण नृत्य नाटिका का मंचन किया। हर एक प्रस्तुति के बाद सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठता था। एकल सुर ताल टीम इससे पूर्व पूरे भारत वर्ष में और अमेरिका में भी 150 कार्यक्रमों की प्रस्तुति दे चुकी है। टीम की प्रमुख करुणा ठाकुर हिमाचल प्रदेश की रहने वाली है और गत 10 वर्षों से एकल अभियान को अपनी सेवाएं दे रही है।

कार्यक्रम में रुद्रपुर तथा आसपास से हजारों की संख्या में लोग उपस्थित थे।कार्यक्रम में महामण्डलेश्वर पूज्य धर्म देव जी महाराज ने सभी को अपना शुभ आर्शीवाद दिया। स्नेहपाल सिंह, मुख्य अतिथि सौरभ अग्रवाल, कार्यक्रम अध्यक्ष सुरजीत सिंह ग्रोवर, मुख्य वक्ता केन्द्रीय सह अभियान प्रमुख खेमानन्द, गरिमामयी उपस्थिति में समाजसेवी रोहिताश बत्रा, बल्देव छाबड़ा ने मां भारती के चरणों में द्वीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। कार्यक्रम के आरंभ में उदबोधन देते हुए केंद्रीय सह अभियान प्रमुख खेमानन्द सापकोटा ने बताया कि देश भर में एकल अभियान के माध्यम से एक लाख से अधिक वनवासी ग्रामों में एकल विद्यालय का संचालन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वर्ष 1989 में 60 गांवों से प्रारंभ हुआ यह अभियान आज पूरे भारत वर्ष के एक लाख गांव, 35 सौ तहसील, 350 जिले व 24 प्रांतों में फैल चुका है। एक लाख शिक्षक, 7 हजार पूर्ण कालिक सेवाव्रती कार्यकर्ता, 2000 व्यास कथाकार के साथ करोड़ों की संख्या में समिति के सदस्य इस अभियान के साथ जुड़ कर कार्य कर रहे हैं।

विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय सह मंत्री संघ प्रचारक स्नेहपाल सिंह ने कहा कि इस विशेष प्रयास के साथ लोग तन मन और धन के साथ अपना योगदान देते हैं। इतने बड़े कार्य को संचालित करने के लिए किसी भी प्रकार का सरकारी सहयोग नहीं किया जाता है। यह पूरा कार्य सिर्फ और सिर्फ समाज के सहयोग से ही संचालित होता है। उन्होंने कहा कि एकल अभियान के माध्यम से एक लाख वनवासी गांवों के करोड़ों की संख्या में बच्चे शिक्षा ग्रहण कर के उच्च शिक्षा में जा चुके हैं। इनमें से कई बच्चे भारतीय सेना में भर्ती हुए हैं तो कई पुलिस व अन्य सरकारी सेवाओं में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

 

 

 

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